Dainik Bhaskar : Aug 16, 2019, 03:44 PM
अलवर. गुरुवार देररात भिवाड़ी में एक पिता ने जहर खाकर सुसाइड कर लिया। उसका आरोप था कि पुलिस उसके बेटे की मौत के मामले में आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जिसकी हत्या करीब 1 महीने पहले मॉब लिंचिंग में कर दी गई थी। मृतक का नाम रतिराम जाटव बताया जा रहा है। जो दोनों आखों से अंधे थे। वहीं उसके बेटे का नाम हरीश जाटव था। बताया जा रहा है कि रतीराम को कई दिनों से आरोपियों द्वारा धमकी दी जा रही थी। रतिराम के दूसरे बेटे दिनेश ने बताया कि 17 जुलाई को फालसा गांव के पास उसके भाई हरीश की बाइक एक महिला से टक्करा गई थी। जिसके बाद उसके दिल्ली के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। घटना के बाद से पिता रतिराम लगातार पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहा था। लेकिन पुलिस ने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया। अगर पुलिस समय रहते हरीश के हत्या के आरोपियों के खिलाफ कोई एक्शन लेती तो उसके पिता जिंदा होते। वहीं पुलिस का कहना है कि रतिराम की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी। मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल शव को राजीव गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। बता दें कि हरीश जाटव की हत्या के केस के मामले में पुलिस द्वारा धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया ता। साथ ही पीड़ित परिवार को 4 लाख 12 हजार की आर्थिक मदद भी दी गई थी।क्या है मामलाजिले के चौपानकी थाना इलाके में तीन दिन पहले 16 जुलाई की शाम को एक राहगीर महिला को टक्कर मारने वाले बाइक चालक हरीश जाटव (28) की 19 जुलाई को मौत हो गई थी। वह दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती था। इस मामले में पिता रतिराम द्वारा मामला दर्ज कराया गया था कि उनका बेटा हरीश (28) बाइक पर भिवाड़ी से अपने गांव आ रहा था। इस दौरान चौपानकी थाना क्षेत्र के फलसा गांव में उमरशेर के घर के पास उसकी बाइक से सड़क पार कर रही एक महिला को टक्कर लग गई। इसके बाद उमरशेर ठेकेदार व अन्य लोगों ने उनके बेटे हरीश से मारपीट की। वह गंभीर घायल हो गया। हरीश के पिता की रिपोर्ट पर चौपानकी थाना पुलिस ने एसटी एससी एक्ट और मारपीट का मुकदमा दर्ज किया था।