Vikrant Shekhawat : Aug 05, 2024, 09:10 AM
Bangladesh Violence: बांग्लादेश की राजधानी ढाका सहित कई शहर हिंसा की चपेट में हैं। शेख हसीना सरकार ने रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की है। पिछले महीने से शुरू हुए मौजूदा विरोध प्रदर्शनों के दौरान पहली बार ऐसा कदम उठाया गया है। बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा को देखते हुए भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों से खास अपील की है। भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी गई है।भारतीय उच्चायोग ने जारी किए हेल्पलाइन नंबरइसके साथ ही वर्तमान में बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा गया है। अपनी गतिविधियों को सीमित रखने और ढाका में भारतीय उच्चायोग के आपातकालीन फोन नंबरों के जरिए संपर्क में रहने की सलाह दी गई है। इसके लिए बांग्लादेश स्थित भारतीय उच्चायोग ने फोन नंबर जारी किए हैं। ये नंबर +8801958383679, +8801958383680, +8801937400591 हैं।अब तक 100 से ज्यादा की मौतबता दें कि रविवार को राजधानी ढाका समेत बांग्लादेश के कई शहरों में एक बार फिर हिंसा भड़क गई। हिंसा के चलते अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। सैकड़ों लोग घायल हो गए। रविवार को छात्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प की। राजधानी ढाका समेत कई शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ जैसी घटनाएं सामने आई हैं।पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांगविरोध प्रदर्शन में शामिल सभी छात्रों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की है। पुलिस ने हजारों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और स्टन ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया है।15 साल से सरकार में हैं शेख हसीनापीएम शेख हसीना के लिए विरोध प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती बन गया है। शेख हसीना जनवरी में लगातार चौथी बार सत्ता में लौटीं हैं। बांग्लादेश में 15 साल से ज्यादा समय तक शासन कर रही हैं। ऐसे में हसीना की सरकार गिरने के संकेत भी नजर आ रहे हैं। सभी प्रदर्शनकारियों की एक ही मांग पर अड़े हैं शेख हसीना पीएम पद से इस्तीफा दें।नौकरियों में आरक्षण का विरोधबांग्लादेश में छात्र संगठन सरकारी नौकरियों में आरक्षण का विरोध कर रहे हैं। यहां के लोग सरकारी नौकरियों में कोटा समाप्त करने की मांग को लेकर पिछले महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में छात्र शामिल हैं। छात्रों के प्रदर्शन ने अब हिंसा का रूप ले लिया है।