AajTak : Jun 11, 2020, 04:07 PM
इटली: अजीब सी बात है कि ऑपरेशन के दौरान अक्सर लोग बेहोश रहते हैं। लेकिन एक महिला ने दिमाग की सर्जरी के दौरान पारंपरिक इटैलियन ऑलिव पकौड़े बना डाले। ढाई घंटे चले ऑपरेशन में महिला ने 90 पकौड़े बना डाले। इटली में इन पकौड़ों को एपरीटिफ्स (Aperitifs) कहते हैं।
इटली के एंकोना में 60 साल की महिला को दिमाग में बीमारी थी। डॉक्टरों ने कहा कि ऑ़परेशन करना होगा। लेकिन शर्त ये थी कि मरीज को जगते रहना होगा। अब महिला क्या करती? तो महिला ने सोचा क्यों न कुछ जरूरी काम निपटा लिए जाएं। अजींडा ओसपेडाली रियूनिटी हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट के डॉ। रॉबर्टो ट्रिगनानी ने ये ऑपरेशन किया। उन्होंने महिला से कहा कि जब तक हम ऑपरेशन करेंगे तब तक आपको जगना होगा। महिला ने कहा कि वो जग लेगी लेकिन अपने तरीके से। महिला ने ढाई घंटे चले ऑपरेशन के दौरान 90 ऑलिव एपरीटिफ्स यानी पकौड़ें या नगेट्टस बना डाले। डॉक्टर ट्रिगनानी ने बताया कि हमारी टीम ये देखती रही कि पेशेंट पकौड़े बना रही हैं या नहीं। डॉक्टरों ने सर्जरी के दौरान महिला को जगने के लिए इसलिए कहा था क्योंकि ऐसे ऑपरेशन में अक्सर मरीज को पैरालिसिस का अटैक आ जाता है। जगकर काम करते रहने से मरीज को पैरालिसिस का अटैक आने की आशंका बेहद कम हो जाती है।ऑपरेशन थियेटर में मरीज के बेड पर एक बड़ी सी टेबल रखी गई। पकौड़े बनाने की सारी सामग्री रख दी गई थी। उधर सर्जरी चलती रही और इधर महिला ने ढाई घंटे में 90 पकौड़े बना डाले।इससे पहले लंदन के किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल में 53 वर्षीय डैगमार टर्नर ने अपने दिमाग की सर्जरी के दौरान वायलिन बजाती रही। सबसे अच्छी बात ये है कि पूरे ऑपरेशन में डैगमार के हाथ चलते रहे लेकिन ब्रेन की सर्जरी गड़बड़ नहीं हुई। इटली की मीडिया ने इस पूरे ऑपरेशन की खबर प्रकाशित की है। कोरोना से जूझ रहे देश में इस खबर से लोगों में काफी ज्यादा हैरत और खुशी में थे।
इटली के एंकोना में 60 साल की महिला को दिमाग में बीमारी थी। डॉक्टरों ने कहा कि ऑ़परेशन करना होगा। लेकिन शर्त ये थी कि मरीज को जगते रहना होगा। अब महिला क्या करती? तो महिला ने सोचा क्यों न कुछ जरूरी काम निपटा लिए जाएं। अजींडा ओसपेडाली रियूनिटी हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट के डॉ। रॉबर्टो ट्रिगनानी ने ये ऑपरेशन किया। उन्होंने महिला से कहा कि जब तक हम ऑपरेशन करेंगे तब तक आपको जगना होगा। महिला ने कहा कि वो जग लेगी लेकिन अपने तरीके से। महिला ने ढाई घंटे चले ऑपरेशन के दौरान 90 ऑलिव एपरीटिफ्स यानी पकौड़ें या नगेट्टस बना डाले। डॉक्टर ट्रिगनानी ने बताया कि हमारी टीम ये देखती रही कि पेशेंट पकौड़े बना रही हैं या नहीं। डॉक्टरों ने सर्जरी के दौरान महिला को जगने के लिए इसलिए कहा था क्योंकि ऐसे ऑपरेशन में अक्सर मरीज को पैरालिसिस का अटैक आ जाता है। जगकर काम करते रहने से मरीज को पैरालिसिस का अटैक आने की आशंका बेहद कम हो जाती है।ऑपरेशन थियेटर में मरीज के बेड पर एक बड़ी सी टेबल रखी गई। पकौड़े बनाने की सारी सामग्री रख दी गई थी। उधर सर्जरी चलती रही और इधर महिला ने ढाई घंटे में 90 पकौड़े बना डाले।इससे पहले लंदन के किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल में 53 वर्षीय डैगमार टर्नर ने अपने दिमाग की सर्जरी के दौरान वायलिन बजाती रही। सबसे अच्छी बात ये है कि पूरे ऑपरेशन में डैगमार के हाथ चलते रहे लेकिन ब्रेन की सर्जरी गड़बड़ नहीं हुई। इटली की मीडिया ने इस पूरे ऑपरेशन की खबर प्रकाशित की है। कोरोना से जूझ रहे देश में इस खबर से लोगों में काफी ज्यादा हैरत और खुशी में थे।