Coronavirus / जर्मनी में कोरोनावायरस का पता लगाएंगे कुत्ते, 94 फीसदी मिले सही परिणाम

News18 : Jul 30, 2020, 07:04 AM
बर्लिन। जर्मन शोधकर्ताओं (German Researchers) ने एक दावा किया है कि उनके पास ऐसे प्रशिक्षित कुत्ते (Trained Sniffer Dogs) हैं जो किसी की लार से कोरोनावायरस (Coronavirus) का पता लगा सकते हैं। सारी दुनिया को चौंका देने वाले इस अध्ययन का संचालन यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेटरनरी मेडिसिन हैनोवर, द हैनोवर मेडिकल स्कूल और जर्मन सेनाओं तीनों ने मिलकर किया है। इस अध्य्यन में यह दावा किया गया है कि कुत्तों को 94 प्रतिशत सटीकता के साथ कोरोनवायरस को सूँघने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि हवाई अड्डों और खेलकूद से जुड़े कार्यक्रमों में तत्काल कुत्तों से ये परीक्षण करवाए जाएँ। कुत्तों में मनुष्यों की तुलना में स्मेल रिसेप्टर्स (सूंघने की क्षमता) 10,000 गुना अधिक शक्तिशाली और सटीक होते हैं जिनकी मदद से वे एक बार सूंघने मात्र से मलेरिया, कैंसर या वायरल संक्रमण जैसे रोगों का पता लगाने में सक्षम होते हैं।


1,000 से अधिक लोगों की लार सूंघ सकने की क्षमता

शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन का संचालन करने के लिए जर्मनी के सशस्त्र बलों के आठ कुत्तों को एक सप्ताह के लिए प्रशिक्षित किया। ये प्रशिक्षित कुत्ते 1,000 से अधिक लोगों की लार को सूँघ सकते थे जो या तो स्वस्थ थे या वायरस से संक्रमित थे। कोविड-19 के सैंपल बिना किसी नियम के बना दिए गए थे जिनके बारे में न तो पशु संचालकों को कुछ पता था और न ही साइट पर शोधकर्ताओं को कि कौन से सैंपल कोरोना पॉजिटिव लोगों के थे


कुत्ते SARS-CoV-2 से संक्रमित लार के नमूनों को सूंघने में सक्षम

कुत्तों पर हुए अध्ययन में यह पाया गया कि यदि कुत्तों को ठीक से प्रशिक्षित किया गया है तो कुत्ते SARS-CoV-2 से संक्रमित मानव लार के नमूनों और गैर-संक्रमित नमूनों को 94 प्रतिशत की सफलता दर के साथ पहचानने में सक्षम थे। उम्मीद है कि कुत्तों द्वारा किए जाने वाले इस परीक्षण की तीव्र प्रकृति के कारण कोरोना के प्रकोप को रोकने में मदद मिल सकती है। खेल के कार्यक्रमों और हवाई अड्डों पर कुत्तों द्वारा किए इन तत्काल परीक्षणों से अनेक देशों को क्वारंटाइन करने के उपायों और खाली पड़े स्टेडियमों से निजात मिल सकती है।


कुत्तों के कोरोना वायरस को सूंघने की शक्ति का राज

इस प्रोजेक्ट पर एक यूट्यूब वीडियो में विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर मारेन वॉन कोएक्रिटज़-ब्लिकवेड हैं जिन्होंने इस अध्ययन का संचालन किया था, ने कहा कि शोधकर्ता सोचते हैं कि कुत्ते ऐसा कर सकते हैं क्योंकि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की आंतरिक प्रक्रियाएं "पूरी तरह से बदल जाती हैं"।

मारेन वॉन ने कहा कि हमें लगता है कि कुत्ते उन रोगियों में होने वाले मेटाबोलिक परिवर्तनों की एक विशिष्ट गंध का पता लगाने में सक्षम होते हैं। प्रोफ़ेसर मारेन वॉन कोएक्रिट्ज़-ब्लिकवेड का यह भी कहना है कि इस अध्ययन का अगला कदम कुत्तों को फ्लू जैसी अन्य बीमारियों से कोविद -19 के नमूनों को अलग करने के लिए प्रशिक्षित करना है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कुत्ते ऐसा कर सकते हैं क्योंकि संक्रमित व्यक्ति की आंतरिक प्रक्रियाएं "पूरी तरह से बदल जाती हैं"


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