AajTak : Apr 30, 2020, 04:06 PM
दिल्ली: कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर एक अच्छी खबर आई है। खबर ये है कि एक दवा जिसे इबोला को खत्म करने के लिए बनाया गया था, वह कोरोना वायरस के मरीजों को ज्यादा जल्दी ठीक कर रही है। अब अमेरिका के वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस दवा की सफलता से कोरोना को हराने के लिए हमें नई उम्मीद मिल गई है। यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार डॉ। एंथनी फॉसी ने भी इस दवा की तारीफ की है।
इस दवा का नाम है रेमडेसिविर (Remdesivir)। इस दवा की बदौलत कोरोना मरीज 31 फीसदी ज्यादा तेजी से ठीक हो रहे हैं। डॉ। एंथनी फॉसी ने कहा कि यह वाकई में जादुई दवा है। इसकी वजह से मरीजों का जल्दी ठीक होना मतलब हम इस दवा को उपयोग ज्यादा से ज्यादा कर सकते हैं। डॉ। फॉसी ने यह बात व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप के सामने मीडिया से कही।अमेरिका ने कुछ दिन पहले इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था। जिसके परिणाम अब सामने आए हैं। डॉ। फॉसी ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि रेमडेसिविर दवा का मरीजों के ठीक होने के समय में बहुत स्पष्ट, प्रभावी और सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। डॉ। एंथनी फॉसी ने कहा कि रेमडेसिविर दवा का अमेरिका, यूरोप और एशिया के 68 स्थानों पर 1063 लोगों पर ट्रायल किया गया है। जिसमें यह जानकारी मिली है कि यह दवा ज्यादा जल्दी कोरोना मरीजों को ठीक कर सकती है। ज्यादा तेजी से वायरस को रोक सकती है।आपको बता दें कि रेमडेसिविर इबोला के ट्रायल में फेल हो गई थी। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा था कि इस दवा का असर कोरोना मरीजों पर कम हो रहा है। यह कारगर नहीं है। लेकिन अब इस क्लीनिकल ट्रायल के बाद WHO के वरिष्ठ अधिकारी माइकल रेयान टिप्पणी करने से मना कर रहे हैं। डॉ। एंथनी फॉसी की इस घोषणा के बाद पूरी दुनिया में एक सुकून और खुशी की लहर दौड़ गई है। ये बात तब सामने आई है जब कोरोना ने 228,239 लोगों की जान ले ली है। 32 लाख से ज्यादा लोग इस महामारी से संक्रमित हैं। पिछले 24 घंटे में अमेरिका में कोरोना वायरस से 2,502 लोगों की मौत हुई है। देश में इस संक्रामक रोग से अब तक कम से कम 60,853 लोग जान गंवा चुके हैं। Remdesivir दवा को इबोला के वैक्सीन के रूप में बनाया गया था। माना जाता था कि इससे किसी भी तरह का वायरस मारा जा सकता है। इससे पहले अमेरिका के शिकागो शहर में कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार 125 लोगों को Remdesivir दवा दी गई थी, जिसमें से 123 लोग ठीक हो गए थे। चीन ने कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे कारगर मानी जा रही दवा रेमडेसिविर को तभी पेटेंट कराने की कोशिश की थी जब वहां सबसे पहले इंसानों के बीच इसके फैलने की पुष्टि हुई थी। लेकिन उसकी साजिश नाकाम रही थी।
इस दवा का नाम है रेमडेसिविर (Remdesivir)। इस दवा की बदौलत कोरोना मरीज 31 फीसदी ज्यादा तेजी से ठीक हो रहे हैं। डॉ। एंथनी फॉसी ने कहा कि यह वाकई में जादुई दवा है। इसकी वजह से मरीजों का जल्दी ठीक होना मतलब हम इस दवा को उपयोग ज्यादा से ज्यादा कर सकते हैं। डॉ। फॉसी ने यह बात व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप के सामने मीडिया से कही।अमेरिका ने कुछ दिन पहले इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था। जिसके परिणाम अब सामने आए हैं। डॉ। फॉसी ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि रेमडेसिविर दवा का मरीजों के ठीक होने के समय में बहुत स्पष्ट, प्रभावी और सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। डॉ। एंथनी फॉसी ने कहा कि रेमडेसिविर दवा का अमेरिका, यूरोप और एशिया के 68 स्थानों पर 1063 लोगों पर ट्रायल किया गया है। जिसमें यह जानकारी मिली है कि यह दवा ज्यादा जल्दी कोरोना मरीजों को ठीक कर सकती है। ज्यादा तेजी से वायरस को रोक सकती है।आपको बता दें कि रेमडेसिविर इबोला के ट्रायल में फेल हो गई थी। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा था कि इस दवा का असर कोरोना मरीजों पर कम हो रहा है। यह कारगर नहीं है। लेकिन अब इस क्लीनिकल ट्रायल के बाद WHO के वरिष्ठ अधिकारी माइकल रेयान टिप्पणी करने से मना कर रहे हैं। डॉ। एंथनी फॉसी की इस घोषणा के बाद पूरी दुनिया में एक सुकून और खुशी की लहर दौड़ गई है। ये बात तब सामने आई है जब कोरोना ने 228,239 लोगों की जान ले ली है। 32 लाख से ज्यादा लोग इस महामारी से संक्रमित हैं। पिछले 24 घंटे में अमेरिका में कोरोना वायरस से 2,502 लोगों की मौत हुई है। देश में इस संक्रामक रोग से अब तक कम से कम 60,853 लोग जान गंवा चुके हैं। Remdesivir दवा को इबोला के वैक्सीन के रूप में बनाया गया था। माना जाता था कि इससे किसी भी तरह का वायरस मारा जा सकता है। इससे पहले अमेरिका के शिकागो शहर में कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार 125 लोगों को Remdesivir दवा दी गई थी, जिसमें से 123 लोग ठीक हो गए थे। चीन ने कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे कारगर मानी जा रही दवा रेमडेसिविर को तभी पेटेंट कराने की कोशिश की थी जब वहां सबसे पहले इंसानों के बीच इसके फैलने की पुष्टि हुई थी। लेकिन उसकी साजिश नाकाम रही थी।