AajTak : Dec 23, 2019, 05:05 PM
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आज सोमवार को क्विक रिएक्शन सरफेस एयर मिसाइल सिस्टम (QRSAM) का सफल परीक्षण किया है। यह टेस्टिंग आज सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर हुई। ओडिशा के तट पर चांदीपुर रेंज में इस मिसाइल का परीक्षण किया गया। यह मिसाइल जमीन से हवा में सटीक निशाने को भेदने में सक्षम है। QRSAM सिस्टम के तहत किसी सैन्य अभियान के तहत मिसाइल भी गतिशील रहते हैं और वे दुश्मन के विमान या ड्रोन पर निगरानी रखते हुए उसे तत्काल निशाना बनाते हैं।
इससे पहले रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पिछले हफ्ते मंगलवार (17 दिसंबर) को ओडिशा के तट से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल को एक एडवांस स्वदेशी तकनीक के साथ लॉन्च किया गया। इस मिसाइल का निशाना एक जहाज था।इसी तरह अक्टूबर महीने में भी भारतीय वायुसेना ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह में त्राक द्वीप से सतह से सतह पर मार करने वाली 2 ब्रह्मोस मिसाइलें दागी थीं।21 और 22 अक्टूबर को दागी गई दोनों मिसाइलें नियमित सामरिक प्रशिक्षण का एक हिस्सा थीं। मिसाइल ने लगभग 300 किलोमीटर दूर एक निर्धारित लक्ष्य को भेदा। दोनों मामलों में मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य को प्रत्यक्ष तौर पर भेद दिया। इस मिसाइल प्रशिक्षण से किसी मोबाइल प्लेटफार्म से जमीनी लक्ष्य को सटीकता के साथ भेदने की आईएएफ की क्षमता बढ़ गई है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षणQuick Reaction Surface to Air Missile System developed by DRDO successfully flight tested today at 1145hrs from Integrated Test Range,Chandipur.The missile was flight tested with full configuration in deployment mode intercepting the target in mid air, meeting mission objectives. pic.twitter.com/yUvv7jz3qE
— ANI (@ANI) December 23, 2019
इससे पहले रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पिछले हफ्ते मंगलवार (17 दिसंबर) को ओडिशा के तट से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल को एक एडवांस स्वदेशी तकनीक के साथ लॉन्च किया गया। इस मिसाइल का निशाना एक जहाज था।इसी तरह अक्टूबर महीने में भी भारतीय वायुसेना ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह में त्राक द्वीप से सतह से सतह पर मार करने वाली 2 ब्रह्मोस मिसाइलें दागी थीं।21 और 22 अक्टूबर को दागी गई दोनों मिसाइलें नियमित सामरिक प्रशिक्षण का एक हिस्सा थीं। मिसाइल ने लगभग 300 किलोमीटर दूर एक निर्धारित लक्ष्य को भेदा। दोनों मामलों में मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य को प्रत्यक्ष तौर पर भेद दिया। इस मिसाइल प्रशिक्षण से किसी मोबाइल प्लेटफार्म से जमीनी लक्ष्य को सटीकता के साथ भेदने की आईएएफ की क्षमता बढ़ गई है।