Zoom News : Jul 15, 2021, 04:24 PM
अमेरिका में एक बेहद अजीबोगरीब मामला सामने आया है। 81 साल के एक अफ्रीकन-अमेरिकन शख्स का प्राइवेट पार्ट सड़ना शुरू हो गया था क्योंकि उसने रबर बैंड के सहारे इसे तीन दिनों तक बांध दिया था जिसके बाद इस अंग में ब्लड सप्लाई तेजी से कम होने लग गई थी। इस शख्स का भयानक केस सबसे पहले एक मेडिकल जर्नल में छपा था। उसे सबसे पहले डायबिटीज में आई जटिलताओं के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस व्यक्ति की पत्नी ने डॉक्टर्स को ये भी बताया कि उनका पति पिछले 2-3 दिनों से प्राइवेट पार्ट पर रबर बैंड बांधे हुए है।
डॉक्टर्स ने देखा कि इस शख्स के प्राइवेट पार्ट पर काफी सूजन थी और कुछ हिस्सों में रंग भी बदलना शुरु हो गया था। डॉक्टर्स के मुताबिक, इस शख्स के प्राइवेट पार्ट की स्किन भी खराब होने लगी थी और ये काफी सड़ रहा था। डुबलिन में बेकन अस्पताल के डॉक्टर फारडोड ओ केली यूरोलॉजिकल सर्जन के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने मेल ऑनलाइन के साथ बातचीत में बताया कि प्राइवेट पार्ट इस तरह के प्रेशर को कुछ घंटों के लिए सह सकता है लेकिन कुछ घंटों बाद दबाव इतना अधिक हो सकता है कि इससे धमनियां कंप्रेस हो सकती है।उन्होंने कहा कि 'इसका मतलब होगा कि उस क्षेत्र में ब्लड सप्लाई नहीं हो रही है यानि ऑक्सीजन की सप्लाई भी नदारद है। इसके चलते कोई भी शरीर का हिस्सा मरने लगता है और प्राइवेट पार्ट अलग होकर गिर भी सकता है हालांकि मैंने कभी किसी ऐसे केस के बारे में नहीं सुना है।'जब डॉक्टर्स ने इस शख्स से पूछा कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया है तो ये व्यक्ति ठीक ढंग से जवाब नहीं दे पा रहा था और काफी कंफ्यूज दिख रहा था। डॉक्टर्स ने जांच में पाया कि इस व्यक्ति को डेमेंशिया की भी बीमारी है। इस शख्स की शिकागो में इमरजेंसी सर्जरी कराई गई। अगले 5 दिनों में ये व्यक्ति रिकवर करने लगा था। शिकागो मेडिकल सेंटर के डॉक्टर्स ने इस शख्स को कहा था कि दो हफ्ते बाद चेकअप अप्वाइंटमेंट के लिए मिलना है लेकिन ये व्यक्ति सर्जरी के बाद अस्पताल नहीं पहुंचा। यूरोलॉजी केस रिपोर्ट में छपी इस रिपोर्ट के लेखकों का कहना था कि चूंकि इस व्यक्ति को डायबिटीज की बीमारी थी, इसके चलते रबर बैंड्स का प्रभाव और ज्यादा खराब हो गया था।
डॉक्टर्स ने देखा कि इस शख्स के प्राइवेट पार्ट पर काफी सूजन थी और कुछ हिस्सों में रंग भी बदलना शुरु हो गया था। डॉक्टर्स के मुताबिक, इस शख्स के प्राइवेट पार्ट की स्किन भी खराब होने लगी थी और ये काफी सड़ रहा था। डुबलिन में बेकन अस्पताल के डॉक्टर फारडोड ओ केली यूरोलॉजिकल सर्जन के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने मेल ऑनलाइन के साथ बातचीत में बताया कि प्राइवेट पार्ट इस तरह के प्रेशर को कुछ घंटों के लिए सह सकता है लेकिन कुछ घंटों बाद दबाव इतना अधिक हो सकता है कि इससे धमनियां कंप्रेस हो सकती है।उन्होंने कहा कि 'इसका मतलब होगा कि उस क्षेत्र में ब्लड सप्लाई नहीं हो रही है यानि ऑक्सीजन की सप्लाई भी नदारद है। इसके चलते कोई भी शरीर का हिस्सा मरने लगता है और प्राइवेट पार्ट अलग होकर गिर भी सकता है हालांकि मैंने कभी किसी ऐसे केस के बारे में नहीं सुना है।'जब डॉक्टर्स ने इस शख्स से पूछा कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया है तो ये व्यक्ति ठीक ढंग से जवाब नहीं दे पा रहा था और काफी कंफ्यूज दिख रहा था। डॉक्टर्स ने जांच में पाया कि इस व्यक्ति को डेमेंशिया की भी बीमारी है। इस शख्स की शिकागो में इमरजेंसी सर्जरी कराई गई। अगले 5 दिनों में ये व्यक्ति रिकवर करने लगा था। शिकागो मेडिकल सेंटर के डॉक्टर्स ने इस शख्स को कहा था कि दो हफ्ते बाद चेकअप अप्वाइंटमेंट के लिए मिलना है लेकिन ये व्यक्ति सर्जरी के बाद अस्पताल नहीं पहुंचा। यूरोलॉजी केस रिपोर्ट में छपी इस रिपोर्ट के लेखकों का कहना था कि चूंकि इस व्यक्ति को डायबिटीज की बीमारी थी, इसके चलते रबर बैंड्स का प्रभाव और ज्यादा खराब हो गया था।