कोरोना के दुष्परिणाम / कोरोना की वजह से युवाओ को रहना होगा सिंगल, होगी बर्थ रेट कम, पड़ेगा समाज और इकोनॉमी पर असर

Zoom News : Oct 24, 2020, 03:32 PM
Delhi: लंबे समय तक कोरोना वायरस के प्रभाव को समझने के लिए, अमेरिकी विशेषज्ञों ने लगभग 90 अध्ययनों का विश्लेषण किया है। विश्लेषण के बाद, विशेषज्ञों ने एक शोध पत्र प्रकाशित किया है और चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस समाज को कैसे बदल देगा। विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी के कारण युवाओं को अधिक समय तक एकल रहना होगा।

विशेषज्ञों ने कहा है कि जन्म दर में कमी आएगी, लोग अधिक समय तक एकल रहेंगे और महिलाएं खुद को अधिक कामुक करेंगी। विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग कोरोना से संक्रमित नहीं हैं, कोरोना के कारण उनका जीवन भी बदल जाएगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी के कारण नियोजित गर्भावस्था में कमी आएगी। लोग शादी करने में देरी करेंगे और बच्चे पैदा करेंगे। इसके कारण कुछ देशों की जनसंख्या कम हो सकती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि जन्म दर कम होने से समाज और अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी। नौकरी की संभावनाओं और बुजुर्गों की देखभाल के लिए संसाधन कम होंगे। लॉकडाउन के कारण घरों में अधिक काम करना पड़ता है और इससे लिंग असमानता भी बढ़ेगी।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक और अनुसंधान लेखक मार्टी हेज़लटन का कहना है कि समाज पर कोरोना का प्रभाव लंबे समय तक रहेगा और महामारी जितनी अधिक समय तक रहेगी, उतना अधिक प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि दुनिया में कोरोना मामलों की कुल संख्या 42 मिलियन से अधिक हो गई है।

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