देश / Earthquake: दो महीने में 12वीं बार लगे भूकंप के झटके, विशेषज्ञों की बढ़ी चिंता

News18 : Jun 08, 2020, 03:27 PM
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। सोमवार दोपहर करीब 1 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2।1 रही। भूकंप का केंद्र दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर बताया जा रहा है। हालांकि, इस भूकंप से अभी तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटकों की शुरुआत 12 अप्रैल से हुई। तब से अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग दिन 12 बार झटके लग चुके हैं। ऐसे में एक्‍सपर्ट्स चिंतित हैं। उनका कहना है कि भूकंप के इन झटकों को हल्‍के में नहीं लिया जाना चाहिए। ये किसी बड़े भूकंप का संकेत हो सकते हैं।

सवाल ये है कि क्या यह किसी बड़ी अनहोनी का संकेत है या फिर सामान्य बात ही है? भारत सरकार के रिकॉर्ड बताते हैं कि राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली और एनसीआर (Delhi-NCR) भूकंप को लेकर अधिक तीव्रता वाले जोन 4 में आते हैं। जहां रिक्‍टर पैमाने पर 8 तीव्रता वाले भूकंप की भी आशंका होती है।

लगभग 60 फीसदी अनियोजित तरीके से बसी दिल्ली में 80 फीसद इमारतें असुरक्षित हैं। ऐसे में ज्यादा भूकंप आने पर जानमाल का नुकसान होने का डर बना रहता है।


दो महीने में आए भूकंप:-


>>12 अप्रैल 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3।5, केंद्र दिल्ली, गहराई 8 किलोमीटर।


>>13 अप्रैल 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2।7, केंद्र दिल्ली, गहराई 5 किलोमीटर।


>>15 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2।2, केंद्र दिल्ली, गहराई 22 किलोमीटर।


>>28 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2।5, केंद्र फरीदाबाद, गहराई 10 किमी।


>>29 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2।9, केंद्र रोहतक, गहराई 10 किलोमीटर।


>>29 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4।5, केंद्र रोहतक, गहराई 15 किलोमीटर।


>>1 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3।0, केंद्र रोहतक, गहराई 10 किलोमीटर।


>>1 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 1।8, केंद्र रोहतक, गहराई 5 किलोमीटर।


>>3 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3।0, केंद्र फरीदाबाद, गहराई 4 किलोमीटर।


>>5 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4।1, केंद्र जमशेदपुर, गहराई 16 किलोमीटर।


>>8 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2।1, केंद्र दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर, गहराई 18 किलोमीटर।

सिस्मिक जोन 4 में आती है दिल्ली

सिस्मिक जोन चार में शामिल दिल्ली भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील है। पूर्वी और पुरानी दिल्ली को संकरा और दलदली जमीन पर बसा होने के कारण कहीं अधिक संवेदनशील माना जाता है। ऐसे में यहां खतरा हमेशा से ज्यादा रहा है।

भूकंप के दुष्परिणामों को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्‍ली क्षेत्र की जमीन के नीचे की मिट्टी की जांच करवाकर यह पता किया है कि इसके कौन से क्षेत्र सबसे ज्‍यादा संवेदनशील (Earthquake prone area) हैं। जमीन के भीतर की संरचना पर होने वाले अध्‍ययन को भू-वैज्ञानिक सिस्‍मिक माइक्रोजोनेशन (Seismic microzonation) कहते हैं। उससे जानकारी मिलती है कि भूकंप के लिहाज से कौन से क्षेत्र सुरक्षित और खतरनाक हैं। दिल्ली की रिपोर्ट में साफ बताया गया है कि घनी आबादी वाले यमुनापार समेत तीन जोन सर्वाधिक खतरनाक हैं।

बताया जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में धरती के अंदर प्लेटों के एक्टिव होने से ऊर्जा निकल रही है। लगातार भूकंप के झटकों को लेकर भी विशेषज्ञों में काफी विवाद है। कुछ का मानना है कि ये छोटे झटके बड़े भूकंप की घटना को टाल रहे हैं। वहीं, कइयों का कहना है कि ये भूकंप किसी बड़े भूकंप की ओर इशारा कर रहे हैं। बहरहाल, जानकार सभी को भूकंप से सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं।

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