Zoom News : Jul 28, 2021, 05:31 PM
बीजिंग: अक्सर लोगों को पेट ठीक से साफ नहीं होने की शिकायत रहती है क्योंकि जब पेट साफ नहीं होता तो कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। पेट साफ नहीं होने के कई कारण होते है, जिनमें से एक सबसे बड़ा कारण कब्ज (Constipation) की समस्या है। इससे निजात पाने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते हैं। लेकिन अब जो आपको बताने जा रहे हैं उसके बारे में जानकर किसी के भी होश उड़ जाएंगे।
'जानलेवा' टोटकादरअसल इस शख्स ने कब्ज से निजात पाने के लिए अपने मलाशय (Rectum) से एक ईल (Eel) मछली को प्रवेश करा दिया। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक चीन के जिआंगसू प्रांत (Jiangsu Province) निवासी शख्स ने 20 जुलाई को ये टोटका अपनाया। जिसने रेक्टम के जरिए अपने शरीर में करीब 20 सेंटीमीटर लंबी ईल मछली को प्रवेश कराया। ईल के पेट में पहुंचते ही उसकी जान पर बन आई।'लोक उपचार का अजब तरीका'दरअसल चीन में ऐसा करना एक फोक ट्रीटमेंट यानी देशी उपचार (Folk Remedy) का हिस्सा है। इस क्रिया के जरिए माना जाता है कि 'ईल' मछली मल त्याग के काम में मदद कर सकती है। लेकिन इस आदमी के केस में ऐसा नहीं हुआ। स्थानीय उपचार की रेमिडी से उसे लेने के देने पड़ गए। क्योंकि कब्ज ठीक करने के बजाये ईल मलाशय से निकलकर कोलन होते हुए उसके पेट में पहुंच गई।
शर्माना पड़ा भारीपहले दिन दर्द सहने के बाद जब दर्द हद से गुजरा तो आखिरकार उसे अस्पताल जाना पड़ा। दरअसल पीड़ित शख्स डॉक्टर के पास जाने में बहुत शर्माता था। उसका इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा कि ये जानलेवा हरकत थी। सर्जरी करने वाले डॉक्टर के मुताबिक मछली की वजह से उसकी बड़ी आंत में बैक्टीरिया पहुंच गए थे जो हेमोलिसिस का कारण बन सकता है। ऑपरेशन के बाद जब ईल को निकाला गया तब तक वो जिंदा थी।पहले भी हो चुका है ऐसास्थानीय मान्यताओं के मुताबिक रेक्टम में ईल डालने से कब्ज ठीक हो सकता है। हांलाकि ये कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले पिछले साल जून 2020 में ऐसा ही मामला सामने आया था तब दक्षिणी चीन के Guangdong प्रांत में 50 साल के व्यक्ति ने 40 सेंटीमीटर लंबी ईल के साथ ऐसा प्रयोग किया था। वहीं दो जून 2020 को इसी प्रांत में एक युवक के पेट में अफ्रीकी मछली पायी गयी थी। तब उसने दावा किया कि वो गलती से उस पर बैठ गया था।
क्या है ये बीमारी? जब रोगी को कब्ज होता है तो रोगी का मल बड़ी आंत तक पहुंचने से पहले ही कठोर हो जाता है और ये आंतों पर चिपक जाता है, जो कठोर होने के कारण बाहर नहीं निकल पाता है। इसमें बड़ी आंत के संकुचन व विमोचन का कार्य भी धीमा हो जाता है। मल बड़ी आंत के पहले ही कठोर अवस्था में होकर जब रुकता है तो इससे गैस की भी समस्या पैदा होने लगती है। कुछ रोगियों को गैस की समस्या से दिल का दर्द भी होता है।कब्ज (Kabj) की शिकायत होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- शरीर में पानी की कमी होना, शारीरिक मेहनत का अभाव, फाइबर युक्त आहार की कमी, अनियमित दिनचर्या आदि। ऐसे में लोग बिना डॉक्टर से सलाह लिए अजीबो-गरीब नुस्खे आजमाते हैं जो उनकी जान पर भारी पड़ सकते हैं।
'जानलेवा' टोटकादरअसल इस शख्स ने कब्ज से निजात पाने के लिए अपने मलाशय (Rectum) से एक ईल (Eel) मछली को प्रवेश करा दिया। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक चीन के जिआंगसू प्रांत (Jiangsu Province) निवासी शख्स ने 20 जुलाई को ये टोटका अपनाया। जिसने रेक्टम के जरिए अपने शरीर में करीब 20 सेंटीमीटर लंबी ईल मछली को प्रवेश कराया। ईल के पेट में पहुंचते ही उसकी जान पर बन आई।'लोक उपचार का अजब तरीका'दरअसल चीन में ऐसा करना एक फोक ट्रीटमेंट यानी देशी उपचार (Folk Remedy) का हिस्सा है। इस क्रिया के जरिए माना जाता है कि 'ईल' मछली मल त्याग के काम में मदद कर सकती है। लेकिन इस आदमी के केस में ऐसा नहीं हुआ। स्थानीय उपचार की रेमिडी से उसे लेने के देने पड़ गए। क्योंकि कब्ज ठीक करने के बजाये ईल मलाशय से निकलकर कोलन होते हुए उसके पेट में पहुंच गई।
शर्माना पड़ा भारीपहले दिन दर्द सहने के बाद जब दर्द हद से गुजरा तो आखिरकार उसे अस्पताल जाना पड़ा। दरअसल पीड़ित शख्स डॉक्टर के पास जाने में बहुत शर्माता था। उसका इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा कि ये जानलेवा हरकत थी। सर्जरी करने वाले डॉक्टर के मुताबिक मछली की वजह से उसकी बड़ी आंत में बैक्टीरिया पहुंच गए थे जो हेमोलिसिस का कारण बन सकता है। ऑपरेशन के बाद जब ईल को निकाला गया तब तक वो जिंदा थी।पहले भी हो चुका है ऐसास्थानीय मान्यताओं के मुताबिक रेक्टम में ईल डालने से कब्ज ठीक हो सकता है। हांलाकि ये कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले पिछले साल जून 2020 में ऐसा ही मामला सामने आया था तब दक्षिणी चीन के Guangdong प्रांत में 50 साल के व्यक्ति ने 40 सेंटीमीटर लंबी ईल के साथ ऐसा प्रयोग किया था। वहीं दो जून 2020 को इसी प्रांत में एक युवक के पेट में अफ्रीकी मछली पायी गयी थी। तब उसने दावा किया कि वो गलती से उस पर बैठ गया था।
क्या है ये बीमारी? जब रोगी को कब्ज होता है तो रोगी का मल बड़ी आंत तक पहुंचने से पहले ही कठोर हो जाता है और ये आंतों पर चिपक जाता है, जो कठोर होने के कारण बाहर नहीं निकल पाता है। इसमें बड़ी आंत के संकुचन व विमोचन का कार्य भी धीमा हो जाता है। मल बड़ी आंत के पहले ही कठोर अवस्था में होकर जब रुकता है तो इससे गैस की भी समस्या पैदा होने लगती है। कुछ रोगियों को गैस की समस्या से दिल का दर्द भी होता है।कब्ज (Kabj) की शिकायत होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- शरीर में पानी की कमी होना, शारीरिक मेहनत का अभाव, फाइबर युक्त आहार की कमी, अनियमित दिनचर्या आदि। ऐसे में लोग बिना डॉक्टर से सलाह लिए अजीबो-गरीब नुस्खे आजमाते हैं जो उनकी जान पर भारी पड़ सकते हैं।