News18 : May 25, 2020, 11:04 AM
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण लगातार तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 6977 नए मरीज़ सामने आए हैं। अब तक देश में 1 लाख 38 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। पिछले कुछ दिनों से नए मरीजों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हो रहा है। शुक्रवार को 6 हजार नए केस सामने आए। शनिवार को ये आंकड़ा 6654 पर पहुंच गया। रविवार को 6767 लोगों को कोरोना ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। जबकि सोमवार सुबह नए रिकॉर्ड के साथे ये आंकड़ा 6977 पर पहुंच गया।
जून में बढ़ सकते हैं नए मामलेपिछले दो महीने से भारत में लॉकडाउन लागू है। ऐसे में देश की आर्थिक हालात खराब होती जा रही है। लिहाजा देश की इकॉनमी को पटरी पर लाने के लिए लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट बढ़ाई जा रही है। ऐसे में कोरोना के नए केस में लगातार तेजी से इज़ाफा हो रहा है। आने वाले हफ्तों में ये संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जून में नए मरीजों की सख्या में और ज्यादा इजाफा हो सकता है।क्या रहा बाक़ी देशों का पैटर्न?कोरोना के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़त के चलते डरने की जरुरत नहीं है। दरअसल दुनिया भर में ऐसा पैटर्न देखा गया है कि कोरोना का ग्राफ तेजी से ऊपर जाने के बाद तेजी से नीचे भी आया है। मसलन ईरान में मार्च के महीने में मरीजों की संख्या में अचानक तेजी से इजाफा होने लगा। लेकिन अप्रैल तक इसमें भारी कमी आ गई। हर दिन मरीजों की संख्या घटकर औसतन 1000 पर आ गई। लॉकडाउन में छूट का असर मई में दिखना शुरू हुआ। हर दिन केस डबल होने लगे। अब ईरान में संक्रमण का दूसरा दौर शुरू हो गया है। यूरोप में भी लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा देखा गया।क्यों तेज़ी से भारत में बढ़ रहे हैं केस?CARE इंडिया के साथ बिहार में काम करने वाले एपिडेमियोलॉजिस्ट तमनमय महापात्रा का कहना है कि भारत में लगातार केस बढ़ने की कई वजहें हैं। जैसे कि हाल के दिनों में कोरोना के टेस्ट की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इन दिनों हर दिन औसतन 1 लाख सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं। इसके अलावा लॉकडाउन में छूट के चलते भी कोरोना के केस में इजाफा हो रहा है। उनका कहना है, 'भारत जैसे देश को आप हमेशा के लिए लॉकडाउन नहीं कर सकते हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि लोग हर जगह यात्रा करने लगे'।अभी नए मरीजों की संख्या में तेज़ी से होगा इज़ाफ़ामहापात्रा के मुताबिक पिछले एक हफ्ते से कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफे को आप सीधे-सीधे लॉकडाउन से नहीं जोड़ सकते हैं। उनका कहना है कि कोरोना का सबसे खराब दौर अभी आना बाकी है। जून का महीना अप्रैल और मई से भी खराब हो सकता है। बता दें कि भारत कोरोना के मामले में टॉप 10 देशों में पहुंच गया है।
जून में बढ़ सकते हैं नए मामलेपिछले दो महीने से भारत में लॉकडाउन लागू है। ऐसे में देश की आर्थिक हालात खराब होती जा रही है। लिहाजा देश की इकॉनमी को पटरी पर लाने के लिए लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट बढ़ाई जा रही है। ऐसे में कोरोना के नए केस में लगातार तेजी से इज़ाफा हो रहा है। आने वाले हफ्तों में ये संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जून में नए मरीजों की सख्या में और ज्यादा इजाफा हो सकता है।क्या रहा बाक़ी देशों का पैटर्न?कोरोना के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़त के चलते डरने की जरुरत नहीं है। दरअसल दुनिया भर में ऐसा पैटर्न देखा गया है कि कोरोना का ग्राफ तेजी से ऊपर जाने के बाद तेजी से नीचे भी आया है। मसलन ईरान में मार्च के महीने में मरीजों की संख्या में अचानक तेजी से इजाफा होने लगा। लेकिन अप्रैल तक इसमें भारी कमी आ गई। हर दिन मरीजों की संख्या घटकर औसतन 1000 पर आ गई। लॉकडाउन में छूट का असर मई में दिखना शुरू हुआ। हर दिन केस डबल होने लगे। अब ईरान में संक्रमण का दूसरा दौर शुरू हो गया है। यूरोप में भी लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा देखा गया।क्यों तेज़ी से भारत में बढ़ रहे हैं केस?CARE इंडिया के साथ बिहार में काम करने वाले एपिडेमियोलॉजिस्ट तमनमय महापात्रा का कहना है कि भारत में लगातार केस बढ़ने की कई वजहें हैं। जैसे कि हाल के दिनों में कोरोना के टेस्ट की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इन दिनों हर दिन औसतन 1 लाख सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं। इसके अलावा लॉकडाउन में छूट के चलते भी कोरोना के केस में इजाफा हो रहा है। उनका कहना है, 'भारत जैसे देश को आप हमेशा के लिए लॉकडाउन नहीं कर सकते हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि लोग हर जगह यात्रा करने लगे'।अभी नए मरीजों की संख्या में तेज़ी से होगा इज़ाफ़ामहापात्रा के मुताबिक पिछले एक हफ्ते से कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफे को आप सीधे-सीधे लॉकडाउन से नहीं जोड़ सकते हैं। उनका कहना है कि कोरोना का सबसे खराब दौर अभी आना बाकी है। जून का महीना अप्रैल और मई से भी खराब हो सकता है। बता दें कि भारत कोरोना के मामले में टॉप 10 देशों में पहुंच गया है।