News18 : Aug 22, 2020, 06:55 AM
नई दिल्ली। भारत में सोशल नेटर्वकिंग साइट फेसबुक (Facebook ) पर विवाद गहराता ही जा रही है। विवादों के बीच फेसबुक ने सफाई दी है। शुक्रवार को फेसबुक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कंपनी का किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। कंपनी ने कहा है कि वह नेताओं द्वारा पोस्ट किए गए आपत्तिजनक कंटेंट को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने का काम जारी रखेगी।
फेसबुक इंडिया ने वाइस प्रेजिडेंट और मैनेजिंसग डायरेक्टर अजीत मोहन ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा, 'फेसबुक एक खुला और पारदर्शी प्लेटफॉर्म है और वह किसी पक्ष या विचारधारा का समर्थन नहीं करता है। इस प्लेटफॉर्म पर लोग अपनी बात कहने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं। पिछले कुछ दिनों के दौरान हम पर अपनी नीतियों को लागू करने में पक्षपात करने का आरोप लगा है। हम इन आरोपों की गंभीरता से लेते हैं और स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम नफरत और कट्टरता के हर रूप की निंदा करते हैं।'
आगे भी हटाते रहेंगे नेताओं के पोस्टअपने ब्लॉग में अजीत मोहन ने आगे लिखा, किसी भी तरह के कंटेंट से निपटने के लिए फेसबुक हमेशा ही एक निष्पक्ष नीति का पालन करता है। इसके साथ ही कंपनी कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स को भी सख्ती के साथ फॉलो करती है। मोहन ने कहा कि कंपनी वैश्विक स्तर पर पूरी दुनिया की पॉलिसीज को ऐप पर लागू करती है, क्योंकि इसमें किसी की राजनीतिक स्थिति, विचारधारा या धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास की परवाह की जाती है।अखबार के एक लेख से शुरू हुआ विवाद14 अगस्त को अमेरिकी अखबार 'Wall Street Journal' में एक लेख छपा था। इस लेख में फेसबुक पर आरोप लगे हैं कि इसके जरिए भारत में बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से पोस्ट किए जाने वाले हेट स्पीच के पोस्ट को नज़रअंदाज़ करता है। इस लेख में फेसबुक के एक अधिकारी के हवाले से यह भी कहा गया है कि संस्था के अंदर ऐसा कहा गया था बीजेपी कार्यकर्ताओं को दंडित करने से 'भारत में कंपनी के कारोबार पर असर पड़ेगा।'
फेसबुक इंडिया ने वाइस प्रेजिडेंट और मैनेजिंसग डायरेक्टर अजीत मोहन ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा, 'फेसबुक एक खुला और पारदर्शी प्लेटफॉर्म है और वह किसी पक्ष या विचारधारा का समर्थन नहीं करता है। इस प्लेटफॉर्म पर लोग अपनी बात कहने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं। पिछले कुछ दिनों के दौरान हम पर अपनी नीतियों को लागू करने में पक्षपात करने का आरोप लगा है। हम इन आरोपों की गंभीरता से लेते हैं और स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम नफरत और कट्टरता के हर रूप की निंदा करते हैं।'
आगे भी हटाते रहेंगे नेताओं के पोस्टअपने ब्लॉग में अजीत मोहन ने आगे लिखा, किसी भी तरह के कंटेंट से निपटने के लिए फेसबुक हमेशा ही एक निष्पक्ष नीति का पालन करता है। इसके साथ ही कंपनी कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स को भी सख्ती के साथ फॉलो करती है। मोहन ने कहा कि कंपनी वैश्विक स्तर पर पूरी दुनिया की पॉलिसीज को ऐप पर लागू करती है, क्योंकि इसमें किसी की राजनीतिक स्थिति, विचारधारा या धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास की परवाह की जाती है।अखबार के एक लेख से शुरू हुआ विवाद14 अगस्त को अमेरिकी अखबार 'Wall Street Journal' में एक लेख छपा था। इस लेख में फेसबुक पर आरोप लगे हैं कि इसके जरिए भारत में बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से पोस्ट किए जाने वाले हेट स्पीच के पोस्ट को नज़रअंदाज़ करता है। इस लेख में फेसबुक के एक अधिकारी के हवाले से यह भी कहा गया है कि संस्था के अंदर ऐसा कहा गया था बीजेपी कार्यकर्ताओं को दंडित करने से 'भारत में कंपनी के कारोबार पर असर पड़ेगा।'