Corona Crisis / एक मरीज के परिजनों ने हाइजैक की दूसरे को लेने जा रही एम्बुलेंस, दोनों की मौत

Zoom News : Apr 22, 2021, 10:56 AM
लखनऊ: कोरोना (Coronavirus) महामारी के बीच चिकित्सीय सुविधाओं के अभाव ने स्थिति को बद से बदतर बना दिया है। हालात ये हो चले हैं कि लोग ‘अपनों’ को बचाने की कोशिश में दूसरों की जान के दुश्मन बन बैठे हैं। ऐसा ही एक मामला लखनऊ (Lucknow) से सामने आया है। यहां बालागंज के एक अस्पताल (Hospital) में भर्ती मरीज को ऑक्सीजन (Oxygen) नहीं मिलने पर जब उसे दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए परिजनों ने एंबुलेंस (Ambulance) बुलाई, तो एंबुलेंस को रास्ते में एक अन्य गंभीर मरीज के परिजनों ने हाईजैक कर लिया। इस घटना का सबसे दुखद पहलू ये है कि जिस मरीज के लिए एंबुलेंस अगवा की गई थी उसकी रास्ते में मौत हो गई और जिसे एंबुलेंस लेने जा रही थी उसकी जान भी ऑक्सीजन के इंतजार में चली गई।

Ambulance रवाना हुई, लेकिन पहुंची नहीं

‘हिंदुस्तान’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सांस लेने में तकलीफ के कारण बालागंज निवासी मरीज विनय कुमार का इलाज यूनीक अस्पताल में चल रहा था। उनके परिजनों ने बताया कि अस्पताल के पास बुधवार को ऑक्सीजन कम पड़ गई। पूरी कोशिश के बावजूद भी जब ऑक्सीजन नहीं मिली, तो अस्पताल ने मरीज को दो घंटे में किसी अन्य अस्पताल में शिफ्ट करने की सलाह दी। इस पर विनय के रिश्तेदार संतोष ने एंबुलेंस के लिए 108 पर कॉल किये। तमाम प्रयास के बाद उनका आवेदन दर्ज हुआ और एंबुलेंस अस्पताल के लिए रवाना होने की सूचना दी गई, लेकिन वो अस्पताल पहुंच नहीं पाई।

बीच में ही रोक ली Ambulance

एंबुलेंस के ड्राइवर ने पीड़ित परिवार को सूचना दी कि कुछ ही मिनटों में एंबुलेंस अस्पताल पहुंच जाएगी। इस बीच कैम्पवेल रोड पर लाल मस्जिद और पेट्रोल पम्प के बीच कुछ लोगों ने अचानक एंबुलेंस का रास्ता रोक लिया। बाइक से आए युवकों ने एंबुलेंस को चारों ओर से घेर लिया और उसके रुकते ही ड्राइवर से चाबी छीन ली। इसके बाद उन्होंने अपनी महिला मरीज को तुरंत ऑक्सीजन लगाकर ड्राइवर से अस्पताल चलने को कहा। एंबुलेंस ड्राइवर ने बताया कि वह लोग महिला को पहले एरा मेडिकल फिर दूसरे अस्पतालों में ले गए, लेकिन उसे कहीं भी भर्ती नहीं किया गया। तब तक एंबुलेंस के सिलेंडर की ऑक्सीजन खत्म हो गई और महिला की जान चली गई।

45 Minutes का इंतजार और हो गई मौत

उधर, विनय कुमार के परिजन एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी कि जिस एंबुलेंस का वो इंतजार कर रहे हैं वो हाईजैक हो चुकी है। काफी देर इंतजार के बाद विनय के परिजनों ने दोबारा 108 पर कॉल किया। करीब 45 मिनट बाद दूसरी एंबुलेंस अपस्ताल पहुंची, मगर तब तक विनय कुमार की मौत हो चुकी थी। गौरतलब है कि देशभर से इन दिनों बेड, ऑक्सीजन, इंजेक्शन और एम्बुलेंस न मिलने की शिकायतें आ रही हैं। ऑक्सीजन के अभाव में अब तक कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।

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