देश / मोटे लोगों को कोरोना वायरस से ज्यादा खतरा, एक्सपर्ट डॉक्टर ने किया अलर्ट

फ्रांस के एक एक्सपर्ट डॉक्टर ने कहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मोटे लोगों को ज्यादा खतरा है। बुधवार को फ्रांस के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ प्रोफेसर जीन फ्रैंकोइस ने ये बात कही। प्रोफेसर जीन फ्रैंकोइस फ्रांस के साइंटिफिक काउंसिल के चीफ हैं और सरकार को कोरोना वायरस से लड़ने में सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि फ्रांस के करीब 25 फीसदी लोग खतरे में हैं।

News18 : Apr 09, 2020, 06:10 PM
पेरिस। फ्रांस (France) के एक एक्सपर्ट डॉक्टर ने कहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मोटे लोगों को ज्यादा खतरा है। बुधवार को फ्रांस के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ प्रोफेसर जीन फ्रैंकोइस ने ये बात कही। प्रोफेसर जीन फ्रैंकोइस फ्रांस के साइंटिफिक काउंसिल के चीफ हैं और सरकार को कोरोना वायरस से लड़ने में सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि फ्रांस के करीब 25 फीसदी लोग खतरे में हैं। ये सभी लोग या तो किसी बीमारी से जूझ रहे हैं या फिर मोटे हैं और ये दोनों ही बातें कोरोना वायरस के संक्रमण के लिहाज से खतरनाक है।

प्रोफेसन जीन फ्रैंकोइस ने कहा है कि अमेरिका में भी यही खतरा है। अमेरिका में करीब 42।4 फीसदी एडल्ट मोटे हैं। मोटापे की वजह से इनके लिए कोरोना वायरस का संक्रमण ज्यादा खतरनाक साबित होगा। प्रोफेसर जीन फ्रैंकोइस ने कहा है कि ये वायरस बड़ा खतरनाक है। ये युवा लोगों को भी शिकार बना सकता है। खासकर मोटे युवाओं को। जो लोग मोटे हैं, उन्हें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।

अमेरिका की बड़ी आबादी मोटापे की शिकार

प्रोफेसर जीन फ्रैंकोइस ने कहा कि इसलिए हम अपने अमेरिकी दोस्तों के लिए फिक्रमंद हैं। अमेरिका में मोटापा एक बड़ी समस्या है। वहां हेल्थ से जुड़ी ज्यादातर समस्याएं मोटापे से ही जुड़ी हैं। मोटे लोगों की बड़ी आबादी की वजह से अमेरिका पर खतरा ज्यादा है।

एक्सपर्ट डॉक्टर बता रहे हैं कि अमेरिका में मोटे लोगों की वजह से कोरोना से ज्यादा तबाही का खतरा है। 1918 में अमेरिका में फैले स्पेनिश फ्लू के वक्त भी यही हुआ था। एक आंकड़े के मुताबिक अमेरिका के 42।4 फीसदी एडल्ट में मोटापे की समस्या है, जबकि 18।5 फीसदी बच्चे मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं।

मोटापे की वजह से बना रहता है गंभीर बीमारियों का खतरा

मोटापे की वजह से कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है। इन बीमारियों में टाइप टू डायबिटीज, हार्ट अटैक और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी बीमारियां शामिल हैं। एक्सपर्ट बता रहे हैं मोटापे की समस्या वाले एडल्ट बढ़ते ही जा रहे हैं क्योंकि छोटी उम्र से ही अमेरिकी लोगों में ये समस्या आ जाती है।

2009 में फैले एच1एन1 फ्लू की महामारी के एक वक्त एक स्टडी की गई थी। इस स्टडी में पता चला कि फ्लू की चपेट में आकर हॉस्पिटल में भर्ती होने वालों में मोटे लोगों की संख्या आम लोगों से दोगुनी थी। स्टडी में कहा गया है कि किसी तरह के संक्रमण के शिकार मोटे लोग ज्यादा होते हैं। इसलिए कोरोना वायरस के संक्रमण में भी मोटे लोगों पर ज्यादा रिस्क बताया जा रहा है।