देश / पीएम मोदी से आज वित्त मंत्री की मुलाकात, बड़े राहत पैकेज पर हो सकता है फैसला

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात करने वाली हैं। इस बैठक में दूसरे राहत पैकेज पर फैसला लिया जा सकता है। Covid-19 के लगातार बढ़ते संक्रमण के कारण लॉकडाउन जारी है और अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता है, ऐसे में इंडस्ट्रीज लगातार दूसरे राहत पैकेज की मांग कर रही हैं। अपने पहले राहत पैकेज में सरकार ने गरीबों पर फोकस किया था।

News18 : Apr 16, 2020, 12:36 PM
नई दिल्ली। वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ मुलाकात करने वाली हैं। इस बैठक में दूसरे राहत पैकेज पर फैसला लिया जा सकता है। Covid-19 के लगातार बढ़ते संक्रमण के कारण लॉकडाउन जारी है और अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता है। ऐसे में इंडस्ट्रीज लगातार दूसरे राहत पैकेज की मांग कर रही हैं। अपने पहले राहत पैकेज में सरकार ने गरीबों पर फोकस किया था। आज होने वाली इस बैठक में वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।

दूसरे राहत पैकेज का ऐलान संभव

आज की बैठक के बाद सरकार राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है। यह राहत पैकेज आज या अगले एक-दो दिनों में जारी हो सकता है। उद्योग जगत ने सरकार से 9 से 10 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की है। इस राहत पैकेज का फोकस गरीबों और समाज के निचले तबके के लोगों, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग (MSMEs) और उन सेक्टर्स पर होगा जिन पर लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार पड़ी है।

रोजाना हो रहा 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (Ficci) की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा, 'अनुमानों के मुताबिक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से हर रोज 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इस हिसाब से पिछले 21 दिन में 7-8 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।' उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच 4 करोड़ लोगों की नौकरियां खतरे में हैं। इस तरह एक तात्कालिक राहत पैकेज जरूरी है।

1.70 करोड़ रुपये के राहत का हो चुका है ऐलान

पिछले महीने सीतारमण ने 1।7 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया था। इसमें गरीबों को अनाज और डायरेक्ट कैश ट्रांसफर के जरिए मदद पहुंचाई गई थी। साथ ही एंप्लॉयमेंट गारंटी प्रोग्राम के जरिए मजदूरी भी बढ़ाने का फैसला लिया गया था।

सरकार MSMEs को जो छूट देने की तैयारी में है उसके तहत उन्हें आसान कर्ज मुहैया कराया जा सकता है। साथ ही इस बार भी गरीबों को फंड और अनाज दिया जा सकता है। बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि सरकार MGNREGA के तहत मजदूरों की मजदूरी भी बढ़ाने का फैसला कर सकती है।

अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में नौकरी के मौके पैदा करने के लिए लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण सड़कों का निर्माण शुरू किया जा सकता है। जिन शहरी और कस्बाई इलाकों में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं फैला है वहां सरकार ये काम शुरू कर सकती है। सरकार ने पहले ही गाइडलाइंस जारी करके खेती से जुड़े कामों की छूट दे दी है।