Petrol Diesel Price / निर्मला सीतारमण ने तेल की बढ़ती कीमतों को बताया धर्म संकट, जानिए क्या क्या कहा?

Zoom News : Feb 25, 2021, 10:58 PM
Petrol Diesel Price: देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए के करीब पहुंच गई है। तेल की बढ़ती कीमतों के बाद लोग सरकार से सवाल कर रहे हैं कि आखिर कीमत में गिरावट कब आएगी। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी इन सवालों का सामना करना पड़ा। गुरुवार को अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में निर्मला सीतारमण से जब पूछा गया कि तेल की कीमतों को सरकार कब कम करेगी तो उन्होंने कहा कि वह नहीं बता पाएंगी कि कब... यह एक धर्म संकट है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल और डीजल पर करों को कम करने के लिए आपस में बात करनी चाहिए। हाल के समय में वाहन ईंधन कीमतें ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं पर बढ़े दामों के बोझ को कम करने के लिए केंद्र और राज्यों को बात करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह तथ्य छिपा नहीं है कि इससे केंद्र को राजस्व मिलता है। राज्यों के साथ भी कुछ यही बात है। ''मैं इस बात से सहमत हूं कि उपभोक्ताओं पर बोझ को कम किया जाना चाहिए। इससे पहले दिन में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर करों को कम करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच समन्वित कार्रवाई की जरूरत है।

सीतारमण ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग कर रहे लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 से पहले जब कांग्रेस शासित संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार सत्ता में थी, तो इसे कानून क्यों नहीं बनाया गया। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग भी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस बजट में हमने साफ किया है कि सरकार क्या कर सकती है या किस हद तक कर सकती है...इसीलिए यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को एक दिशात्मक बदलाव देता है। उन्होंने कहा, हमें सोवियत संघ से विरासत में व्यवस्था मिली जिसमें समाजवाद की उपलब्धियों की बात होती थी...कि केवल समाजवाद ही पूरी आबादी का कल्याण कर सकता है। वे कहते हैं कि कल्याणकारी राज्य एक समाजवादी विशेषाधिकार है।

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