टेक्निकल / Zoom एप के पांच लाख अकाउंट्स हुए हैक, डार्क वेब पर बिक रही है निजी जानकारी

कोरोना वायरस के फैलने के बाद जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप की डाउनलोडिंग में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला, लेकिन कुछ दिन बाद ही जूम एप प्राइवेसी को लेकर विवादों में आ गया। गूगल और टेस्ला जैसी कई बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को जूम एप इस्तेमाल करने से मना कर दिया। अब इसी बीच खबर है कि जूम एप के पांच लाख अकाउंट हो गए हैं और डाटा को डार्क वेब पर बेचा जा रहा है।

AMAR UJALA : Apr 15, 2020, 03:54 PM
टेक्निकल डेस्क | कोरोना वायरस के फैलने के बाद जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप की डाउनलोडिंग में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला, लेकिन कुछ दिन बाद ही जूम एप प्राइवेसी को लेकर विवादों में आ गया। गूगल और टेस्ला जैसी कई बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को जूम एप इस्तेमाल करने से मना कर दिया। अब इसी बीच खबर है कि जूम एप के पांच लाख अकाउंट हो गए हैं और डाटा को डार्क वेब पर बेचा जा रहा है। 

ब्लीपिंग कंप्यूटर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जूम के पांच लाख अकाउंट को हैक कर लिया गया है और डार्क वेब पर मामूली कीमत में लोगों का निजी डाटा बेचा जा रहा है। जूम एप यूजर्स का डाटा हैकर्स फोरम पर बिक रहा है। इसके बारे में सबसे पहले एक अप्रैल को साइबर सिक्योरिटी फर्म Cyble ने जानकारी दी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक डार्क वेब पर जूम एप यूजर्स का डाटा मामूली कीमत $0.0020 यानी करीब 0.15 प्रति अकाउंट बिक रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह हैकिंग बकायदा पासवर्ड और आईडी के जरिए हुई है यानी कि हैकर्स को इसके बारे में पहले से जानकारी थी।

जूम एप यूजर्स का जो डाटा हैकर्स तक पहुंचा है उनमें ई-मेल आईडी, पासवर्ड, मीटिंग का यूआरएल और होस्ट की जैसी जानकारियां शामिल हैं। इनमे से 290 अकाउंट कॉलेज और यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जिन यूजर्स का डाटा लीक हुआ है उनमें यह यूनिवर्सिटी ऑफ वर्मोंट, डार्टमाउथ, लाफयेते, फ्लोरिडा विश्वविद्यालय, कोलोराडो विश्वविद्यालय और सिटीबैंक जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं।