News18 : Jul 16, 2020, 04:35 PM
इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) में इमरान खान (Imran Khan) सरकार कट्टरता की सारी हदें पार करती नज़र आ रही है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ (Nawaz Sharif) की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ (Khwaja Asif) को 'सभी धर्म बराबर हैं' है कहना भारी पड़ता नज़र आ रहा है। इमरान ख़ान की पार्टी तहरीक़े-इंसाफ़ के एक स्थानीय नेता ने आसिफ के खिलाफ ईश-निंदा की शिक़ायत कर दी है।
हालांकि पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने ट्विटर पर इस विवाद पर टिप्पणी करते हुए ख़्वाजा आसिफ़ का समर्थन किया है। उन्होंने लिखा, 'हमारे महान धर्म इस्लाम में अल्पसंख्यकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की विस्तृत व्याख्या है। बराबरी पाकिस्तान के संविधान की मूल भावना है। ख़्वाजा आसिफ़ ने राष्ट्रीय सदन में जो कहा है वो इस्लाम की शिक्षा और संविधान के प्रावधानों से ही प्रेरित है।' ख़्वाजा आसिफ़ ने हाल ही में राष्ट्रीय असेंबली में धर्मनिरपेक्षता पर एक बयान दिया था। बीते सप्ताह संसद में दिये इस भाषण में ख़्वाजा आसिफ़ ने कहा था, 'पाकिस्तान 22 करोड़ लोगों का देश है और यह मायने नहीं रखता कि किसका धर्म क्या है। कोई धर्म किसी दूसरे धर्म से बेहतर नहीं है।'मंदिर विवाद पर दिया था आसिफ ने बयानBBC के मुताबिक ख़्वाजा आसिफ़ ने कहा था कि 'जो लोग इस्लामाबाद में मंदिर बनने का विरोध कर रहे हैं, ये वही लोग हैं जिन्होंने देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को भी काफ़िरे-आज़म कहा है। वो उन मूल्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जिनमें जिन्ना विश्वास करते थे। अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करना एक इस्लामिक परंपरा है। इस्लामी शासनकाल में अल्पसंख्यक कभी असुरक्षित नहीं रहे हैं।' इस दौरान उन्होंने कहा कि साल 1980 के दौर के कट्टरपंथ ने पाकिस्तान की परंपरा को भी बर्बाद कर दिया है। ये नेताओं की ज़िम्मेदारी है कि वो समाज में सहिष्णुता और भाईचारे को बढ़ावा दें।
क्या है शिकायत?शिकायत करने वाले क़मर रियाज़ नारोवाल ज़िले के रहने वाले हैं और इमरान खान की पार्टी के सदस्य भी हैं। पेशे वकील कमर ने कहा कि उन्होंने टीवी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री का बयान सुना और उन्हें सभी धर्मों को संविधान के तहत बराबर बताये जाने से हमें चोट पहुंची है। कमर का दावा है कि क़ुरान साफ़तौर पर कहता है कि इस्लाम बाकी धर्मों से बेहतर है और ये कहना कि सभी धर्म बराबर हैं, मेरी नज़र में इस्लाम के ख़िलाफ़ है। जो पूर्व मंत्री ने कहा वो मेरी नज़र में आपत्तिजनक है।कमर के मुताबिक ये शरिया क़ानून के ख़िलाफ़ है। उन्होंने मुसलमानों को विधर्मियों के बराबर ठहराया है। इस शिमायत में क़मर रियाज़ ने क़ुरान की कई आयतों का भी ज़िक्र किया है। उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के कथनों का ज़िक्र करते हुए तर्क दिया है कि 'इस्लाम धर्म दूसरे धर्मों से बेहतर है।' फिलहाल इस शिकायत पर कोई केस दर्ज नहीं किया गया है लेकिन पुलिस ने बताया कि आसिफ को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।USCIRF ने भी जताई चिंता
हालांकि पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने ट्विटर पर इस विवाद पर टिप्पणी करते हुए ख़्वाजा आसिफ़ का समर्थन किया है। उन्होंने लिखा, 'हमारे महान धर्म इस्लाम में अल्पसंख्यकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की विस्तृत व्याख्या है। बराबरी पाकिस्तान के संविधान की मूल भावना है। ख़्वाजा आसिफ़ ने राष्ट्रीय सदन में जो कहा है वो इस्लाम की शिक्षा और संविधान के प्रावधानों से ही प्रेरित है।' ख़्वाजा आसिफ़ ने हाल ही में राष्ट्रीय असेंबली में धर्मनिरपेक्षता पर एक बयान दिया था। बीते सप्ताह संसद में दिये इस भाषण में ख़्वाजा आसिफ़ ने कहा था, 'पाकिस्तान 22 करोड़ लोगों का देश है और यह मायने नहीं रखता कि किसका धर्म क्या है। कोई धर्म किसी दूसरे धर्म से बेहतर नहीं है।'मंदिर विवाद पर दिया था आसिफ ने बयानBBC के मुताबिक ख़्वाजा आसिफ़ ने कहा था कि 'जो लोग इस्लामाबाद में मंदिर बनने का विरोध कर रहे हैं, ये वही लोग हैं जिन्होंने देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को भी काफ़िरे-आज़म कहा है। वो उन मूल्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जिनमें जिन्ना विश्वास करते थे। अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करना एक इस्लामिक परंपरा है। इस्लामी शासनकाल में अल्पसंख्यक कभी असुरक्षित नहीं रहे हैं।' इस दौरान उन्होंने कहा कि साल 1980 के दौर के कट्टरपंथ ने पाकिस्तान की परंपरा को भी बर्बाद कर दिया है। ये नेताओं की ज़िम्मेदारी है कि वो समाज में सहिष्णुता और भाईचारे को बढ़ावा दें।
क्या है शिकायत?शिकायत करने वाले क़मर रियाज़ नारोवाल ज़िले के रहने वाले हैं और इमरान खान की पार्टी के सदस्य भी हैं। पेशे वकील कमर ने कहा कि उन्होंने टीवी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री का बयान सुना और उन्हें सभी धर्मों को संविधान के तहत बराबर बताये जाने से हमें चोट पहुंची है। कमर का दावा है कि क़ुरान साफ़तौर पर कहता है कि इस्लाम बाकी धर्मों से बेहतर है और ये कहना कि सभी धर्म बराबर हैं, मेरी नज़र में इस्लाम के ख़िलाफ़ है। जो पूर्व मंत्री ने कहा वो मेरी नज़र में आपत्तिजनक है।कमर के मुताबिक ये शरिया क़ानून के ख़िलाफ़ है। उन्होंने मुसलमानों को विधर्मियों के बराबर ठहराया है। इस शिमायत में क़मर रियाज़ ने क़ुरान की कई आयतों का भी ज़िक्र किया है। उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के कथनों का ज़िक्र करते हुए तर्क दिया है कि 'इस्लाम धर्म दूसरे धर्मों से बेहतर है।' फिलहाल इस शिकायत पर कोई केस दर्ज नहीं किया गया है लेकिन पुलिस ने बताया कि आसिफ को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।USCIRF ने भी जताई चिंता
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिका के आयोग ने भी इस घटनाक्रम पर चिंता ज़ाहिर की है और कहा है, 'यूएससीआईआरएफ़ संसद ख़्वाजा आसिफ़ के ख़िलाफ़ ईशनिंदा की शिकायत से चिंतित है। उन्होंने राष्ट्रीय सदन में सभी धर्मों को बराबर बताया था जिसके बाद ये शिकायत की गई है। यूएससीआईआरएफ़ पाकिस्तान से ईशनिंदा के सभी मामलों की समीक्षा करने की अपील करता है।'Islam, our great religion, is categorical about rights & freedoms of all communities living in Islamic state. Equality is fundamental principle enshrined in Constitution of Pakistan. What Khawaja Asif said in NA was in the context of Islamic teachings & constitutional provisions!
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) July 11, 2020