Live Hindustan : Sep 26, 2019, 02:47 PM
दिल्ली. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी बुधवार को आमने-सामने आ गए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि अगर दिल्ली में एनआरसी लागू होता है, तो सबसे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को यहां से जाना होगा। इस पर पलटवार करते हुए तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दूसरे राज्यों के लोगों को विदेशी मानते हैं। उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है।गौतम गंभीर ने भी केजरीवाल पर निशाना साधा पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अधूरा ज्ञान है। उन्हें यह नहीं मालूम कि एनआरसी देश से बाहर के लोगों पर लागू होता है, न कि देश के अंदर के लोगों पर। गंभीर ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए लिखा कि खुद केजरीवाल हरियाणा के रहने वाले हैं।क्या है एनआरसी एनआरसी का मतलब राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर है। इसे तैयार करने का मकसद अवैध तरीके से रह रहे विदेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकलना है। असम में तैयार एनआरसी में सिर्फ उन लोगों के नाम शामिल हैं, जो 1971 के पहले से असम में रह रहे हैं। हालांकि उन्हें अपनी बात रखने का मौका दिया गया है। क्या पूर्वांचल के लोग घुसपैठिए हैं : तिवारीमुख्यमंत्री केजरीवाल के बयान पर जवाब देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा- क्या अरविंद केजरीवाल देश के लोगों को दिल्ली का नहीं समझते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या बाहरी राज्यों के लोगों को दिल्ली छोड़कर चले जाना चाहिए। तिवारी ने कहा, क्या वह यह कहना चाहते हैं कि पूर्वांचल के लोग घुसपैठिए हैं, क्या दूसरे राज्य के लोगों को मुख्यमंत्री विदेशी मानते हैं। मुझे लगता है कि उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। एक पूर्व आईआरएस अफसर को यह कैसे नहीं पता कि एनआरसी क्या है। पिछले दिनों दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की ओर से असम की तरह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी एनआरसी लागू करने की मांग की गई थी। वह इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले थे। तिवारी का कहना है कि राजधानी में बहुत से घुसपैठिए हैं, जिन्हें बाहर किया जाना चाहिए।भाजपा दोहरी राजनीति कर रही : भारद्वाजमुख्यमंत्री के बयान के बाद आम आदमी पार्टी भी मनोज तिवारी पर हमलावर हो गई। आप प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने भी मनोज तिवारी पर पूर्वांचल के लोगों के साथ दोहरी राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली में एनआरसी लागू करके बिहार और यूपी के लोगों को भगाना चाहती है। उन्होंने कहा कि एनआरसी में 1971 से पहले के आवासीय प्रमाण पत्र वालों को ही दिल्ली का माना गया है। भारद्वाज ने कहा- मैं भाजपा प्रदेशध्यक्ष मनोज तिवारी से पूछना चाहता हूं कि क्या उनके पास 1971 से पहले का दिल्ली का आवास प्रमाण पत्र है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में रहने वाली आधी से ज्यादा आबादी देश के अलग-अलग राज्यों जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बंगाल आदि से परिवार का पेट पालने के लिए यहां रोजगार के लिए आई है, भाजपा उन्हें दिल्ली से खदेड़ने की कोशिश में लगी है।