RBI की रिपोर्ट / कोरोना संकट के कारण घटेगी जीडीपी ग्रोथ, लोगों को लगेगा महंगाई का झटका

News18 : Aug 26, 2020, 08:15 AM
नई दिल्‍ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट (RBI Annual Report) में कहा है कि कोविड-19 (Covid-19) के कारण देश के सकल घरेलू उत्‍पाद की वृद्धि दर (GDP Growth) शून्‍य से नीचे जा सकती है। आरबीआई ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में देश की जीडीपी ग्रोथ शून्‍य से 4.5 फीसदी नीचे (-4.5%) रह सकती है। वैश्विक वृद्धि दर (Global Growth rate) को लेकर आरबीआई का अनुमान है कि ये शून्‍य से 6 फीसदी (-6%) से लेकर 7.6 फीसदी (-7.6%) नीचे तक जा सकती है। वहीं, केंद्रीय बैंक ने वैश्विक महामारी के कारण मांग के मुकाबले आपूर्ति कम रहने से महंगाई दर (Inflation Rate) में तेज उछाल आने का अनुमान जताया है।


वैक्‍सीन आने के समय पर निर्भर है इकोनॉमी का पटरी पर लौटना

रिजर्व बैंक ने कहा है कि 25 मार्च से लगाए गए सख्‍त लॉकडाउन (Lockdown) के कारण आय में नुकसान के कारण मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्‍टर को 2.7 लाख करोड़ रुपये तक का झटका लग सकता है। आरबीआई ने कहा है कि वैश्विक महामारी (Pandemic) के कारण भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी पर लौटने के लिए आर्थिक नीतियों में सुधारों की जरूरत पड़ेगी। साथ ही चेतावनी दी है कि देश की वृद्धि दर में तेज कमी आएगी। भविष्य में वैश्विक अर्थव्यवस्था का आकार इस बात पर निर्भर करेगा कि इस महामारी का प्रसार कैसा रहता है। साथ ही दुनियाभर की अर्थव्‍यवस्‍थाओं में सुधार वैक्‍सीन के बाजार में आने के समय पर निर्भर होगा।

'भारत में लंबे समय तक दिखाई दे सकता है महंगाई का असर'

आरबीआई ने वार्षिक रिपोर्ट में आशंका जताई है कि महामारी के कारण सप्लाई चेन ब्लॉक होने से आने वाले महीनों में भारत में महंगाई तेजी से बढ़ सकती है। केंद्रीय बैंक ने देश में खुदरा मंहगाई दर (Retail Inflation) के साथ ही थोक महंगाई दर (Wholesale Inflation) भी बढ़ने की आशंका जताई है। आरबीआई के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 की अंतिम तिमाही से ही भारत में तेजी से महंगाई दर बढ़ने लगी है। छोटी अवधि के लिए दिखने वाली ये महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही है। इसका असर लंबे समय तक रहने के आसार नजर आ रहे हैं।

किसानों को सही दाम, लोगों को पर्याप्‍त सामान नहीं मिल रहा

रिजर्व बैंक ने कहा कि सब्जियों, फल और खाद्य सामग्रियों के दाम लगातार बढ़ना चिंता की बात है। अब इसके और बढ़ने के आसार हैं। कोरोना वायरस के कारण उत्पादनकर्ताओं और बाजार के बीच की आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो गई है। इससे एक तरफ किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है और दूसरी तरफ लोगों को पर्याप्त सामान भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। केंद्रीय बैंक ने चिंता जताई है कि अगर सप्लाई चेन ऐसे ही बाधित रही तो देश में महंगाई दर तेजी से बढ़ेगी। बता दें कि खाने-पीने की वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी से जुलाई में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6।93 फीसदी पहुंच गई थी। वहीं, जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर भी 9।62 फीसदी रही थी।

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