राजस्थान / गहलोत सरकार का फैसला, कोरोना के लिए पूरे प्रदेश के लोगों की होगी स्क्रीनिंग

भारत में कोरोना संक्रमण के खतरों से निपटने के मामले में राजस्थान सबसे पहला राज्य है जिसने लॉकडाउन का फैसला किया और अब अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश के सभी साढ़े सात करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करने का फैसला किया है। स्क्रीनिंग के दौरान कोरोना संक्रमण की शंका होने पर सैंपल टेस्टिंग भी करने का निर्णय लिया। मेडिकल विभाग के कर्मचारियों के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और जिला कलेक्ट्रेट के कर्मचारी स्क्रीनिंग का काम करेंगे।

AajTak : Apr 01, 2020, 03:59 PM
राजस्थान: भारत में कोरोना संक्रमण के खतरों से निपटने के मामले में राजस्थान सबसे पहला राज्य है जिसने लॉकडाउन का फैसला किया और अब अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश के सभी साढ़े सात करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करने का फैसला किया है। स्क्रीनिंग के दौरान कोरोना संक्रमण की शंका होने पर सैंपल टेस्टिंग भी करने का निर्णय लिया। मेडिकल विभाग के कर्मचारियों के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और जिला कलेक्ट्रेट के कर्मचारी स्क्रीनिंग का काम करेंगे।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ।रघु शर्मा ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश भर में स्क्रीनिंग का काम शुरू करने की तैयारी कर ली गई है। अभी फिलहाल राजस्थान के कोरोना प्रभावित 11 जिलों में स्क्रीनिंग का काम चल रहा है और अगले एक-दो दिन में प्रदेश के सभी 33 जिलों के साढ़े सात करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी।

उन्होंने कहा कि 3 करोड़ 26 लाख लोगों की स्क्रीनिंग राजस्थान में हो चुकी है। हमारी जनसंख्या के 45 फीसदी से ज्यादा है। अब हमने जो मैकेनिजम तैयार किया है, जिसके तहत अब पूरे साढ़े सात करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग कर लें। ताकि इसमें जो कोरोना संक्रमण के मामले संदिग्ध होंगे हम उनके सैंपल लेकर उनके इलाज की दिशा में कदम उठा सकें।

उन्होंने बताया कि राजस्थान में कोरोना संक्रमण बाहर से आने वाले लोगों की वजह से फैला है। दिल्ली के एयरपोर्ट पर ये उतरे और अपने निजी साधनों के जरिए अपने-अपने घर आ गए। इन लोगों के ट्रैवेल प्लान की कोई जानकारी नहीं मिली और न ही हमें ये जानकारी है कि इनकी दिल्ली में स्क्रीनिंग हुई है कि नहीं। राजस्थान के सभी केस बाहर से आए हैं।

रघु शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन के बाद भारी संख्या में लोग वापस राजस्थान आए हैं। ऐसे में हम अब सभी की जांच करना चाहते हैं ताकि एक भी शख्स स्क्रीनिंग से न रह जाए, क्योंकि अगर किसी एक भी सदस्य में कोरोना संक्रमण रह गया तो हम इस महामारी को मात नहीं दे पाएंगे। इसीलिए हम किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरतना चाहते हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भीलवाड़ा के जिस चिकित्सक में सबसे पहले कोरोना वायरस के संक्रमण मिले थे, उसके यहां सऊदी अरब से रिश्तेदार आकर ठहरे थे। उसी चिकित्सक के कारण अस्पताल के 18 मेडिकल स्टाफ को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इस चिकित्सक के साथ अन्य साथी पॉजिटिव डॉक्टरों ने करीब 10 हजार लोगों का डेढ़ सप्ताह में ट्रीटमेंट किया। इसीलिए हमने भीलवाड़ा के हर एक सदस्य की स्क्रीनिंग करने का काम किया है।