गाजियाबाद अग्निकांड / धमाके से दहल गया बरखवां गांव, चारपाई पर घायलों को लेकर दौड़े ग्रामीण, अधजले शव देखकर हक्के-बक्के रह गए सब

Zoom News : Jul 05, 2020, 09:40 PM

गाजियाबाद/मेरठ. गाजियाबाद के बरखवां गांव में रविवार को एक पटाखा फैक्ट्री में धमाका हो गया। इस विस्फोट में 7 लोगों की मौत हो गई। 4 लोग गंभीर रुप से घायल हुए। इस हादसे के बाद घटना स्थल का मंजर देखकर हर किसी का दिल दहल गया। मौके पर अधजले शव पड़े थे, चेहरे पहचान में नहीं आ रहे थे। मौके पर मौजूद लोग इन अधजले शवों को देखने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे थे। लोगों ने किसी तरह शवों के ऊपर कपड़ा डाल कर उन्हें ढंका। 



मदद का मौका नहीं मिला, जिंदा जला बच्चा और छह महिलाएं
जिले के मोदीनगर थाना क्षेत्र के बरखवां गांव में एक अवैध रूप से संचालित फैक्ट्री में रविवार को जब धमाका हुआ तो लोग दहशत में आ गए। इसी दौरान उस स्थान पर चीखपुकार मच गई जहां फैक्ट्री में धमाका हुआ। आग की लपटें देख और उसमें से आती चीखपुकार की आवाज सुनकर ग्रामीण आग में फंसे लोगों को बचाने के लिए मौके पर दौड़ पड़े। लेकिन जब तक आग में फंसे लोगों को कुछ मदद मिलती तब तक एक बच्चा और छह महिलाएं आग में जिंदा जल गईं।


शवों पर चिपके कपड़ों से हुई शिनाख्त

मौके पर स्ट्रेचर नहीं था। ग्रामीण घायलों को चारपाई पर डालकर ही इलाज के लिए ले जाने के लिए दौड़ पड़े। गांव में घटना स्थल के पास जिन लोगों के प्राइवेट वाहन थे, उनसे भी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल तक पहुंचाया। घायलों की हालत भी देखी नहीं जा रही थी। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ घायलों की हालत इतनी नाजुक थी कि उनसे बोला भी नहीं जा रहा था। जो मजदूर हादसे के दौरान आग में जिंदा जलकर मर गए उनमें से कुछ के शरीर पर मांस के कुछ ही हिस्से नजर आ रहे थे, मृतकों में से किसी का चेहरा पहचाना नहीं जा रहा था। मृतकों के परिजन शरीर पर चिपके कपड़े के कुछ हिस्से और उनके द्वारा पहने गए सामान को देखकर पहचान करने की कोशिश कर रहे थे।  



मोमबत्ती की आड़ में पटाखे बनाने का हो रहा था काम

मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि कहने को यह मोमबत्ती बनाने की फैक्ट्री थी। लेकिन यहां अवैध रूप से पटाखे तैयार किए जाते थे। ग्रामीणों ने फैक्ट्री के अंदर मिले बारूद से बने पटाखों को भी दिखाया और कहा कि अब आप ही बताओं क्या ये बारूद नहीं है? ग्रामीणों का कहना है कि रविवार को भी फैक्ट्री में काम चल रहा था। फैक्ट्री के अंदर 30 से अधिक लोगों के काम करने की जानकारी ग्रामीणों ने दी। 




पुलिस की मिलीभगत से चल रहा था अवैध कारोबार

ग्रामीणों का कहना है कि पहले एक धमाके की आवाज हुई। इससे पहले की कोई कुछ समझता एक के बाद एक धमाका होने लगा। अंदर काम कर रहे लोगों ने जान बचाकर भागने का प्रयास किया। लेकिन वो आग में घिर गए, उन्होंने बचने के लिए चीखपुकार भी मचायी। लेकिन जब तक उनके पास कोई मदद पहुंची, उनमें से सात की मौके पर ही जिंदा जलकर मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि यह फैक्ट्री अवैध रूप से आवासीय क्षेत्र में करीब पांच साल से चल रही है। इसकी पूरी सूचना पुलिस को है। लेकिन कोई कार्रवाई इसको बंद कराने के लिए नहीं की गई।



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