Gold Price Today / गोल्ड की कीमतों में यूं ही नहीं हुआ इजाफा, रुपए की गिरावट का बड़ा हाथ

लगातार पांच दिनों की गिरावट के बाद बुधवार को दिल्ली में सोने की कीमतें 700 रुपए बढ़कर 98,520 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गईं। रुपए में डॉलर के मुकाबले 52 पैसे की गिरावट इस बढ़त का मुख्य कारण रही। चांदी भी 1,000 रुपए बढ़कर 1,14,000 रुपए प्रति किलो पहुंची।

Gold Price Today: बुधवार को देश की राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली, जिसने पिछले पांच कारोबारी सत्रों से चली आ रही गिरावट के सिलसिले को तोड़ दिया। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तेजी का प्रमुख कारण भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले भारी गिरावट है। रुपये में 52 पैसे की कमजोरी के साथ यह 87.43 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जिसने स्थानीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सोने और चांदी की कीमतों में इजाफा

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, दिल्ली में 99.9 फीसदी शुद्धता वाले सोने की कीमत 700 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़कर 98,520 रुपये हो गई। मंगलवार को यह 97,820 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसी तरह, 99.5 फीसदी शुद्धता वाले सोने की कीमत 650 रुपये बढ़कर 98,200 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गई, जो पिछले सत्र में 97,550 रुपये थी।

चांदी की कीमतों में भी तेजी देखी गई। बुधवार को चांदी 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 1,14,000 रुपये (सभी करों सहित) हो गई, जो मंगलवार को 1,13,000 रुपये पर स्थिर थी। वैश्विक बाजार में, हाजिर सोना 3,330.33 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रहा, जबकि हाजिर चांदी 38.09 डॉलर प्रति औंस पर मामूली गिरावट के साथ कारोबार कर रही थी।

रुपये की कमजोरी और वैश्विक अनिश्चितता

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटी) सौमिल गांधी ने बताया कि रुपये में भारी गिरावट के कारण स्थानीय बाजार में सोने की कीमतों में अच्छी बढ़त देखी गई। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता ने रुपये पर दबाव बढ़ाया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1 अगस्त से पहले 20-25 प्रतिशत शुल्क दरों के संकेत ने इस अनिश्चितता को और गहरा दिया।

विशेषज्ञों की राय

कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी (कमोडिटी रिसर्च) कायनात चैनवाला ने कहा कि निवेशक अमेरिका के प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, जिनमें दूसरी तिमाही के जीडीपी डेटा, एडीपी रोजगार, लंबित घरेलू बिक्री और फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) का ब्याज दर निर्णय शामिल हैं। उन्होंने बताया कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने की उम्मीद है, लेकिन बाजार नीतिगत दृष्टिकोण पर मार्गदर्शन की बारीकी से निगरानी कर रहा है।

अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा कि निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल की टिप्पणियों पर भी नजर रखेंगे, जो भविष्य के नीतिगत रुख के संकेत दे सकती हैं। जीडीपी के आंकड़े अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति को और स्पष्ट करेंगे, जो फेडरल रिजर्व के फैसलों को प्रभावित कर सकता है।