News18 : Apr 29, 2020, 04:32 PM
नई दिल्ली। देशभर में लॉकडाउन (Lockdown in India) के बीच आंशिक छूट के बाद बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) में गिरावट आई है। 26 अप्रैल को समाप्त हुए तिमाही में बेरोजगारी दर में यह कमी कुछ जगहों पर नियंत्रित कारोबार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू किए जाने की वजह से आया है। सेंटर फॉर मानिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की डेटा के मुताबिक, 26 अप्रैल को समाप्त तिमाही के दौरान भारत में बेरोजगारी दर गिरावट के साथ 21.05 फीसदी रही। इसके पहले 19 अप्रैल तक यह 26।19 फीसदी थी।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुधरे हालात
देश के वर्कफोर्स में एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले रोजगार का है। 19 अप्रैल को 26.69 फीसदी की तुलना में यहां भी 26 अप्रैल तक बेरोजागरी दर 20.88 फीसदी रही। अप्रैल की शुरुआत के बाद यह पहला ऐसा सप्ताह रहा, जहां ग्रामीण रोजगार में गिरावट नहीं देखने को मिली।लाइवमिंट ने अपनी रिपोर्ट में लेबर इकोनॉमिस्ट के आर श्यामसुंदर के हवाले से लिखा है, 'यह एक साकारात्मक बात है लेकिन फिलहाल खुश नहीं हुआ जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में काम शुरू होने की वजह से हल्की राहत मिली है लेकिन प्रवासी मजूदरों को वापस बुलाने से समस्य होगी। इससे इन आंकड़ों में बदलाव हो सकता है। सरकार अगर सही से प्लानिंग नहीं करती है तो आगे समस्या खड़ी हो जाएगी।'
15 मार्च से बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट
हालांकि, अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिहाज से ये आंकड़े कुछ खास नहीं है। लेकिन बढ़ते बेरोजगारी दर के इस दौर में इसे मामूली राहत के तौर पर देखा जा सकता है। कोरोना वायरस आउटब्रेक (Coronavirus Outbreak) की वजह से 15 मार्च के बाद से लगातार बेरोजगारी दर में इजाफा हो रहा था। देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से हर सेक्टर में कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ हुआ है।20 अप्रैल को मिली छूट से हुआ फायदा
CMIE के आंकड़े से पता चलता है कि 15 मार्च को बेरोजगारी दर 6.75 फीसदी था जो कि 19 अप्रैल तक बढ़कर 26.19 फीसदी तक पहुंच चुका था। हालांकि, इसके अगले सप्ताह में यह घटकर 21.05 फीसदी के स्तर पर पहुंचा। बता दें कि 20 अप्रैल के बाद सरकार ने कुछ सेक्टर्स को खोलने का फैसला लिया है। इसमें कृषि से लेकर नॉन-रेड जोन में आने वाली कुछ आर्थिक गतिविधियां हैं।
शहरों में भी बेरोजगारी दर में आई गिरावटशहरी क्षेत्रों के लिए भी बेरोजगारी दर में गिरावट देखने को मिली। 26 अप्रैल को समाप्त हुए तिमाही में यह यह गिरकर 21.45 फीसदी के स्तर पर आ गया जो कि 5 अप्रैल को 30.93 फीसदी था। 19 अप्रैल को खत्म हुए तिमाही में यह 25.05 फीसदी था। इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि कुछ राज्य लाखों प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। इसका असर जरूर देखने को मिलेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुधरे हालात
देश के वर्कफोर्स में एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले रोजगार का है। 19 अप्रैल को 26.69 फीसदी की तुलना में यहां भी 26 अप्रैल तक बेरोजागरी दर 20.88 फीसदी रही। अप्रैल की शुरुआत के बाद यह पहला ऐसा सप्ताह रहा, जहां ग्रामीण रोजगार में गिरावट नहीं देखने को मिली।लाइवमिंट ने अपनी रिपोर्ट में लेबर इकोनॉमिस्ट के आर श्यामसुंदर के हवाले से लिखा है, 'यह एक साकारात्मक बात है लेकिन फिलहाल खुश नहीं हुआ जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में काम शुरू होने की वजह से हल्की राहत मिली है लेकिन प्रवासी मजूदरों को वापस बुलाने से समस्य होगी। इससे इन आंकड़ों में बदलाव हो सकता है। सरकार अगर सही से प्लानिंग नहीं करती है तो आगे समस्या खड़ी हो जाएगी।'
15 मार्च से बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट
हालांकि, अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिहाज से ये आंकड़े कुछ खास नहीं है। लेकिन बढ़ते बेरोजगारी दर के इस दौर में इसे मामूली राहत के तौर पर देखा जा सकता है। कोरोना वायरस आउटब्रेक (Coronavirus Outbreak) की वजह से 15 मार्च के बाद से लगातार बेरोजगारी दर में इजाफा हो रहा था। देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से हर सेक्टर में कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ हुआ है।20 अप्रैल को मिली छूट से हुआ फायदा
CMIE के आंकड़े से पता चलता है कि 15 मार्च को बेरोजगारी दर 6.75 फीसदी था जो कि 19 अप्रैल तक बढ़कर 26.19 फीसदी तक पहुंच चुका था। हालांकि, इसके अगले सप्ताह में यह घटकर 21.05 फीसदी के स्तर पर पहुंचा। बता दें कि 20 अप्रैल के बाद सरकार ने कुछ सेक्टर्स को खोलने का फैसला लिया है। इसमें कृषि से लेकर नॉन-रेड जोन में आने वाली कुछ आर्थिक गतिविधियां हैं।
शहरों में भी बेरोजगारी दर में आई गिरावटशहरी क्षेत्रों के लिए भी बेरोजगारी दर में गिरावट देखने को मिली। 26 अप्रैल को समाप्त हुए तिमाही में यह यह गिरकर 21.45 फीसदी के स्तर पर आ गया जो कि 5 अप्रैल को 30.93 फीसदी था। 19 अप्रैल को खत्म हुए तिमाही में यह 25.05 फीसदी था। इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि कुछ राज्य लाखों प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। इसका असर जरूर देखने को मिलेगा।