Zee News : Jun 03, 2020, 09:20 AM
लॉस एंजिलिस: अमेरिका के कैलिफोर्निया (California) की एक बायोटेक कंपनी का कहना है कि इसकी प्रायोगिक दवा रेमेडीसिविर को कोविड-19 (Covid-19) से मामूली रूप से बीमार, अस्पताल में भर्ती मरीजों को पांच दिन तक देने पर लक्षणों में सुधार देखा गया है।
यह दवा इंजेक्शन के जरिए नस में डाली जाती है। जापान में कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने के लिए इसे स्वीकृति दी गई है। अमेरिका में भी इसे कुछ मरीजों को आपात स्थिति में देने की इजाजत दी गई है।गिलेड साइंसेज (Gilead Sciences) ने सोमवार को कुछ विवरण दिया, लेकिन कहा कि पूर्ण नतीजे मेडिकल जर्नल में जल्द प्रकाशित किए जाएंगे।प्रयोगों में रेमेडीसिविर एक ऐसी दवा के रूप सें उभरी है जिससे इस कोरोना वायरस (Coronavirus) की लाइलाज बीमारी से लड़ने में मदद की उम्मीद जगी है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की अगुवाई में एक बड़ा अध्ययन किया गया था जिसमें पाया गया कि यह दवा गंभीर रूप से बीमार अस्पताल में भर्ती मरीजों के ठीक होने की औसत अवधि को कम करती है। यह दवाई ठीक होने के दिनों को 15 से घटाकर 11 दिन करती है।कंपनी की अगुवाई में करीब 600 मरीजों पर अध्ययन किया गया। उन्हें मामूली निमोनिया था लेकिन उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी। सभी को औचक तरीके से पांच से 10 दिन तक दवा दी गई साथ में सामान्य देखभाल की गई।गिलेड ने कहा कि अध्ययन के 11 वें दिन, जिन मरीजों को पांच दिन तक रेमेडीसिविर दी गई थी, उनमें सात बिंदु के पैमाने पर कम से कम एक पर, सुधार की संभावना 65 प्रतिशत अधिक थी। इनमें इलाज की जरूरत और सांस लेने की मशीन जैसे उपाय शामिल हैं।
यह दवा इंजेक्शन के जरिए नस में डाली जाती है। जापान में कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने के लिए इसे स्वीकृति दी गई है। अमेरिका में भी इसे कुछ मरीजों को आपात स्थिति में देने की इजाजत दी गई है।गिलेड साइंसेज (Gilead Sciences) ने सोमवार को कुछ विवरण दिया, लेकिन कहा कि पूर्ण नतीजे मेडिकल जर्नल में जल्द प्रकाशित किए जाएंगे।प्रयोगों में रेमेडीसिविर एक ऐसी दवा के रूप सें उभरी है जिससे इस कोरोना वायरस (Coronavirus) की लाइलाज बीमारी से लड़ने में मदद की उम्मीद जगी है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की अगुवाई में एक बड़ा अध्ययन किया गया था जिसमें पाया गया कि यह दवा गंभीर रूप से बीमार अस्पताल में भर्ती मरीजों के ठीक होने की औसत अवधि को कम करती है। यह दवाई ठीक होने के दिनों को 15 से घटाकर 11 दिन करती है।कंपनी की अगुवाई में करीब 600 मरीजों पर अध्ययन किया गया। उन्हें मामूली निमोनिया था लेकिन उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी। सभी को औचक तरीके से पांच से 10 दिन तक दवा दी गई साथ में सामान्य देखभाल की गई।गिलेड ने कहा कि अध्ययन के 11 वें दिन, जिन मरीजों को पांच दिन तक रेमेडीसिविर दी गई थी, उनमें सात बिंदु के पैमाने पर कम से कम एक पर, सुधार की संभावना 65 प्रतिशत अधिक थी। इनमें इलाज की जरूरत और सांस लेने की मशीन जैसे उपाय शामिल हैं।