AajTak : Apr 04, 2020, 02:02 PM
कोरोना अलर्ट: कोरोना वायरस से परेशान चीन ने 17 मार्च को कोरोना वायरस कोविड-19 के लिए बनाई गई वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था। यानी इंसानों पर परीक्षण शुरू किया था। अब इस परीक्षण के बेहद पॉजिटिव रिजल्ट सामने आ रहे हैं।
चीन ने इस क्लीनिकल ट्रायल के लिए कुल 108 लोगों को चुना था। जो वॉलंटियर्स आए थे, उनमें से 14 ने वैक्सीन के परीक्षण की अवधि पूरी कर ली है। 14 दिनों तक क्वारनटीन में रहने के बाद अब वो अपने-अपने घर भेज दिए गए हैं। ये सारे परीक्षण चीन के वुहान शहर में शुरू किए गए थे। वैक्सीन के परीक्षण के बाद देखा गया कि जिन 14 लोगों को घर भेजा गया है। अब वो पूरी तरह से सुरक्षित और सेहतमंद हैं। साथ ही ये मेडिकल निगरानी में हैं। इस वैक्सीन को चीन में सबसे बड़ी बायो-वॉरफेयर साइंटिस्ट चेन वी और उनकी टीम ने बनाया है। जिन 108 लोगों पर परीक्षण किया जा रहा था। ये सभी लोग 18 साल से लेकर 60 साल तक की उम्र के हैं। इन सभी लोगों को तीन समूहों में बांटा गया था। तीनों समूहों के लोगों को वैक्सीन की अलग-अलग मात्रा दी गई थी। इन सभी 108 लोगों को वुहान स्पेशल सर्विस हेल्थ सेंटर में क्वारनटीन किया गया है। इन सभी लोगों को अलग-अलग दिन वैक्सीन दी गई है, इसलिए सभी लोगों को क्वारनटीन पीरियड पूरा होने तक वहीं रहना है। यानी ये सभी लोग अगले कुछ हफ्तों में अपने-अपने घर जा सकेंगे। जिन 14 लोगों को घर भेजा गया है। अब उन्हें छह महीने तक मेडिकल निगरानी में रखा जाएगा। हर दिन उनका मेडिकल टेस्ट होगा। इन 6 महीनों में यह देखा जाएगा कि अगर इन्हें कोरोना वायरस संक्रमण होता है तो इनका शरीर कैसी प्रतिक्रिया देता है। जैसे ही उनके शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाएगी यानी उनके शरीर में एंटीबॉडी बन जाएगा, उनके खून का सैंपल लेकर वैक्सीन को बाजार में उतार दिया जाएगा। (फोटोः रॉयटर्स)चेन वी ने बताया कि हमारा पहला ट्रायल लगभग सफल है। हमें जैसी ही इसकी ताकत का पता चलता है, हम इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समझौते करके दुनिया भर को देंगे। हम चाहते हैं कि कोरोना वायरस का इलाज पूरी दुनिया तक पहुंचे।
चीन ने इस क्लीनिकल ट्रायल के लिए कुल 108 लोगों को चुना था। जो वॉलंटियर्स आए थे, उनमें से 14 ने वैक्सीन के परीक्षण की अवधि पूरी कर ली है। 14 दिनों तक क्वारनटीन में रहने के बाद अब वो अपने-अपने घर भेज दिए गए हैं। ये सारे परीक्षण चीन के वुहान शहर में शुरू किए गए थे। वैक्सीन के परीक्षण के बाद देखा गया कि जिन 14 लोगों को घर भेजा गया है। अब वो पूरी तरह से सुरक्षित और सेहतमंद हैं। साथ ही ये मेडिकल निगरानी में हैं। इस वैक्सीन को चीन में सबसे बड़ी बायो-वॉरफेयर साइंटिस्ट चेन वी और उनकी टीम ने बनाया है। जिन 108 लोगों पर परीक्षण किया जा रहा था। ये सभी लोग 18 साल से लेकर 60 साल तक की उम्र के हैं। इन सभी लोगों को तीन समूहों में बांटा गया था। तीनों समूहों के लोगों को वैक्सीन की अलग-अलग मात्रा दी गई थी। इन सभी 108 लोगों को वुहान स्पेशल सर्विस हेल्थ सेंटर में क्वारनटीन किया गया है। इन सभी लोगों को अलग-अलग दिन वैक्सीन दी गई है, इसलिए सभी लोगों को क्वारनटीन पीरियड पूरा होने तक वहीं रहना है। यानी ये सभी लोग अगले कुछ हफ्तों में अपने-अपने घर जा सकेंगे। जिन 14 लोगों को घर भेजा गया है। अब उन्हें छह महीने तक मेडिकल निगरानी में रखा जाएगा। हर दिन उनका मेडिकल टेस्ट होगा। इन 6 महीनों में यह देखा जाएगा कि अगर इन्हें कोरोना वायरस संक्रमण होता है तो इनका शरीर कैसी प्रतिक्रिया देता है। जैसे ही उनके शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाएगी यानी उनके शरीर में एंटीबॉडी बन जाएगा, उनके खून का सैंपल लेकर वैक्सीन को बाजार में उतार दिया जाएगा। (फोटोः रॉयटर्स)चेन वी ने बताया कि हमारा पहला ट्रायल लगभग सफल है। हमें जैसी ही इसकी ताकत का पता चलता है, हम इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समझौते करके दुनिया भर को देंगे। हम चाहते हैं कि कोरोना वायरस का इलाज पूरी दुनिया तक पहुंचे।