News18 : Apr 13, 2020, 02:21 PM
नई दिल्ली। लॉकडाउन के चलते किराने की दुकान को छोड़कर बाकी सभी दुकाने बंद है जिसकी वजह से ना लोगों के बाल कट पा रहे हैं न कपड़े खरीद पा रहे हैं। इसी वजह से सरकार ने ‘सुरक्षा स्टोर’ खोलने की तैयारी की है। अगले 45 दिन में देशभर में ऐसे 20 लाख सुरक्षा स्टोर संचालन में आ जाने की उम्मीद है। इसके लिए सरकार बड़ी एफएमसीजी कंपनियों (FMCG Companies) के साथ मिलकर आसपास के रिटेल स्टोर को ही सुरक्षा स्टोर में बदलने की व्यवस्था कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कुछ शर्तो को पूरा करने वाला कोई भी किराना स्टोर ‘सुरक्षा स्टोर’ बनने के लिए आवेदन कर सकेगा। सुरक्षा स्टोर में सिर्फ किराना दुकानों को ही नहीं बल्कि टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद की दुकानों, कपड़ों और सैलून को भी शामिल करने की योजना है। इन दुकानों पर साफ-सफाई और एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने से जुड़ी हर तरह की एहतियात बरती जाएगी। इन दुकानों को डिसइंफेक्टेंट भी किया जाएगा।दुकानदारों को ग्राहकों के दुकान में घुसने से पहले हैंड सैनिटाइजर या हाथ धोने, सभी स्टाफ के लिए मास्क और ज्यादा छूने में आने वाले स्थानों को दिन में दो बार डिसइंफेक्टेंट करने की व्यवस्था करनी होगी। योजना को लागू करने के लिए सरकार निजी कंपनियों को शामिल करेगी। यह कंपनियां हर तरह के प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करेंगी। साथ ही अनिवार्य वस्तुओं के विनिर्माता के यहां से सामान लेकर खुदरा दुकानों तक उनकी सुरक्षित पहुंच भी सुनिश्चित करेंगी।50 से ज्यादा बड़ी FMCG कंपनियों से संपर्कटॉप FMCG कंपनियां एक दौर की बैठक कर चुकी हैं। यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के साथ लागू की जाने वाली महत्वाकांक्षी योजना है। प्रत्येक एफएमसीजी कंपनी को इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए एक या दो राज्यों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अग्रवाल ने सुरक्षा स्टोर की दिशा में काम करने की जानकारी तो दी है, लेकिन विस्तार से कुछ नहीं बताया। एक प्रमुख एफएमसीजी कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने इस योजना की पुष्टि की है। अधिकारी ने बताया कि 50 से ज्यादा बड़ी एफएमसीजी कंपनियों से संपर्क किया गया है। कंपनियां इस योजना में सरकार का साथ देने के लिए तैयार हैं।
सूत्रों का कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कुछ शर्तो को पूरा करने वाला कोई भी किराना स्टोर ‘सुरक्षा स्टोर’ बनने के लिए आवेदन कर सकेगा। सुरक्षा स्टोर में सिर्फ किराना दुकानों को ही नहीं बल्कि टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद की दुकानों, कपड़ों और सैलून को भी शामिल करने की योजना है। इन दुकानों पर साफ-सफाई और एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने से जुड़ी हर तरह की एहतियात बरती जाएगी। इन दुकानों को डिसइंफेक्टेंट भी किया जाएगा।दुकानदारों को ग्राहकों के दुकान में घुसने से पहले हैंड सैनिटाइजर या हाथ धोने, सभी स्टाफ के लिए मास्क और ज्यादा छूने में आने वाले स्थानों को दिन में दो बार डिसइंफेक्टेंट करने की व्यवस्था करनी होगी। योजना को लागू करने के लिए सरकार निजी कंपनियों को शामिल करेगी। यह कंपनियां हर तरह के प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करेंगी। साथ ही अनिवार्य वस्तुओं के विनिर्माता के यहां से सामान लेकर खुदरा दुकानों तक उनकी सुरक्षित पहुंच भी सुनिश्चित करेंगी।50 से ज्यादा बड़ी FMCG कंपनियों से संपर्कटॉप FMCG कंपनियां एक दौर की बैठक कर चुकी हैं। यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के साथ लागू की जाने वाली महत्वाकांक्षी योजना है। प्रत्येक एफएमसीजी कंपनी को इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए एक या दो राज्यों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अग्रवाल ने सुरक्षा स्टोर की दिशा में काम करने की जानकारी तो दी है, लेकिन विस्तार से कुछ नहीं बताया। एक प्रमुख एफएमसीजी कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने इस योजना की पुष्टि की है। अधिकारी ने बताया कि 50 से ज्यादा बड़ी एफएमसीजी कंपनियों से संपर्क किया गया है। कंपनियां इस योजना में सरकार का साथ देने के लिए तैयार हैं।