Vikrant Shekhawat : Jun 23, 2021, 07:48 AM
Delta Plus variant Explainer : कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा (Delta Plus variant) प्लस को केंद्र सरकार ने देश के लिए चिंता की वजह (variant of concern in India) घोषित कर दिया है. इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि डेल्टा प्लस फिलहाल ‘variant of interest’ यानी नजर रखने लायक वैरिएंट है, इसे चिंताजनक नहीं माना जा सकता. लेकिन अब कोरोना वायरस के इस प्रकार से जुड़े मामलों में इजाफा होने के बाद सरकार ने अपने रुख में बदलाव किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी मंगलवार की रात को जारी एक बयान में दी है.कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट ने भारत में महामारी की तीसरी लहर जल्द आने से जुड़ी आशंकाओं को बढ़ा दिया है. भारत समेत दुनिया के हर देश के लिए यह नया वैरिएंट एक चुनौती बन कर सामने आया है. वैज्ञानिक इसकी जीनोम सिक्वेंसिंग में लगे हैं. कोविड जीनोम सिक्वेसिंग पर बनी कंसोर्टियम जल्द ही इस बारे में एक बुलेटिन जारी करेगी. केंद्र सरकार डेल्टा प्लस के मामलों पर लगातार नजर रख रही है ताकि इसे फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए जा सकें.एम्स (AIIMS) में बायोटेक्नॉलजी डिपार्टमेंट में असोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर शुभ्रदीप कर्माकर ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट क्या रंग दिखाएगा कि इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि हर वैरिएंट अलग तरह के क्लीनिकल रेस्पॉन्स के साथ आता है. पिछले वैरिएंट में ऑक्सीजन लेवल घट रहा था लेकिन हम नहीं जानते कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के नतीजे कैसे रहेंगे. भारत में दूसरी लहर के बहुत ही ज्यादा खतरनाक होने में डेल्टा वैरिएंट की ही भूमिका थी.डेल्टा प्लस वैरिएंट का पता पहली बार कहां चला?इस साल मार्च में पहली बार यूरोप में डेल्टा वैरिएंट (Delta variant) डिटेक्ट हुआ. वैज्ञानिकों के मुताबिक डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) डेटा प्लस (AY.1) वैरिएंट में म्यूटेट हो गया. ऐसी अटकलें हैं कि यह म्यूटेंट और ज्यादा संक्रामक है और यह अल्फा वैरिएंट के मुकाबले 35-60 फीसदी ज्यादा तेजी से फैलता है.एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट monoclonal antibodies cocktail ट्रीटमेंट के खिलाफ रेजिस्टेंस दिखा सकता है. एक चिंता यह है कि यह वैरिएंट वैक्सीन और शुरुआती संक्रमण की इम्यूनिटी को भी भेद सकता है . फिलहाल अभी इस बात के पुख्ता संकेत नहीं मिले हैं कि यह वैरिएंट दूसरे वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है . देश के जाने-माने वायरोलोजिस्ट प्रोफेसर शाहिद जमील ने कहा है कि यह चिंता की बात है लेकिन दहशत की नहीं . अभी यह देखना बाकी है कि क्या डेल्टा प्लस वैरिएंट पिछली इम्यूनिटी को भेद सकता है.क्या डेल्टा प्लस ज्यादा संक्रामक है?डेल्टा प्लस के म्यूटेशन को K417N कहा जाता है. यह दक्षिण अफ्रीका में पाए गए बीटा वैरिएंट में मिला था. डेल्टा प्लस में डेल्टा वैरिएंट के दूसरे फीचर हैं. इससे यह वैरिएंट और संक्रामक हो सकता है . हालांकि कुछ ही वैज्ञानिक ऐसा सोचते हैं.भारत में डेल्टा प्लस की फिलहाल क्या स्थिति है?आंकड़ों के मुताबिक भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट का प्रसार अभी भी काफी कम है. फिलहाल देश में डेल्टा वैरिएंट का प्रसार है लेकिन डेल्टा प्लस का संक्रमण मामूली है. महाराष्ट्र के अलावा तमिलनाडु, केरल, पंजाब और मध्य प्रदेश में डेल्टा प्लस के कुछ केस दिख रहे हैं.क्या डेल्टा प्लस से कोरोना की तीसरी लहर आ सकती हैइस बारे में फिलहाल कोई निश्चित राय नहीं है. अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है, जिससे यह कहा जा सके कि इससे तीसरी लहर आ सकती है. लेकिन अगर यह वैरिएंट ज्यादा तेजी से फैलने वाला और ज्यादा खतरनाक निकला तो महामारी के फिर से जोर पकड़ने का खतरा बढ़ सकता है.क्या मौजूदा टीके डेल्टा प्लस के खिलाफ कारगर साबित होंगे?फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता. दोनों भारतीय वैक्सीन (Corona vaccines) डेल्टा और बीटा के खिलाफ तीन से आठ गुना कम प्रभावी साबित हुए हैं. महाराष्ट्र ने भले ही कहा है कि नए डेल्टा प्लस वैरिएंट से तीसरी लहर आ सकती है लेकिन अभी तक किसी एक्सपर्ट ने इसका समर्थन नहीं किया है.