देश / बड़ी मदद! कोरोना से जंग में रूसी कंपनी ने PM CARES में दान किये 2 मिलियन डॉलर

कोरोना वायरस से मुकाबले में सरकार को आर्थिक रूप से मजबूत करने वालों में केवल भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी भी शामिल हैं। रूसी सरकार की मुख्य रक्षा निर्यात संस्था रोसोबोरोनेक्सपोर्ट ने COVID-19 संकट से निपटने के लिए गठित PM CARES फंड में 2 मिलियन डॉलर की राशि दान की है। कंपनी के एक सूत्र ने कहा कि भारत परंपरागत रूप से रोसोबोरोनएक्सपोर्ट का प्रमुख साझेदार रहा है।

Zee News : Apr 15, 2020, 04:27 PM
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) से मुकाबले में सरकार को आर्थिक रूप से मजबूत करने वालों में केवल भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी भी शामिल हैं। रूसी सरकार की मुख्य रक्षा निर्यात संस्था रोसोबोरोनेक्सपोर्ट (Rosoboronexport ) ने COVID-19 संकट से निपटने के लिए गठित PM CARES फंड में 2 मिलियन डॉलर की राशि दान की है। 

कंपनी के एक सूत्र ने कहा कि भारत परंपरागत रूप से रोसोबोरोनएक्सपोर्ट का प्रमुख साझेदार रहा है। अब इस मुश्किल घड़ी में कंपनी मानवीय उद्देश्य के लिए उसकी मदद कर रही है। कोरोना से लड़ाई के लिए कंपनी की तरफ से भारत को 2 मिलियन डॉलर की राशि दान स्वरूप दी गई है। यह इस महामारी से मुकाबले में हमारी एकजुटता को प्रदर्शित करता है।

रोसोबोरोनेक्सपोर्ट की तरफ से भारत सरकार द्वारा स्थापित सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशंस फंड या PM CARES फंड में यह दान चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था करने के उद्देश्य से दिया गया है। रोसोबोरोनेक्सपोर्ट और भारत के बीच आखिरी बड़ा सौदा अक्टूबर, 2018 में S400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के लिए हुआ था। आपको बता दें कि कोरोना से जंग में PM CARES फंड में योगदान देना वाली रोसोबोरोनेक्सपोर्ट पहली विदेशी कंपनी है। गौरतलब है कि भारतीय सरकार ने घोषणा की थी कि PM CARES एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट होने के नाते भारत और विदेश से "महामारी की अभूतपूर्व प्रकृति को ध्यान में रखते हुए" योगदान स्वीकार करेगा।

मधुर होते रिश्ते

रोसोबोरोनेक्सपोर्ट रूसी सरकार का हिस्सा है और भारत को दान देने की उसकी घोषणा दोनों देशों के बीच घनिष्ठ होते संबंधों को दर्शाते हैं। पिछले महीने भारतीय पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने COVID-19  संकट पर बात की थी। इसके बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और रूसी उप विदेश मंत्री इगोर मोर्गुलोव के बीच भी बातचीत हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने अपने-अपने देशों में फंसे हुए एक-दूसरे के नागरिकों का कल्याण सुनिश्चित करने में घनिष्ठ द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। रूस में लगभग 15,000 भारतीय छात्र हैं और करीब 5000 रूसी पर्यटक इस वक्त भारत में हैं। वहीं, इस महीने के अंत में, COVID-19  से निपटने के लिए ब्रिक्स की संयुक्त योजना के तहत, सभी ब्रिक्स देशों के स्वास्थ्य अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मिलेंगे।