Hathras / हाथरस की एक और बेटी से दुष्कर्म, शव के साथ सड़क पर बैठे परिजन

Zoom News : Oct 06, 2020, 09:54 AM
हाथरस गैंगरेप को लेकर अभी विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है, इस बीच एक और दुखद खबर सामने आ रही है। हाथरस की एक और बेटी की दुष्कर्म के बाद मौत हो गई है। दरअसल, 15 दिन पहले सादाबाद क्षेत्र के मई जटोई निवासी 6 वर्षीय बालिका के साथ अलीगढ़ जिले के इगलास गांव में रेप की घटना हुई थी। लड़की का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। लड़की की मौत हो गई है। घटना से गुस्साए परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया है।

परिजनों की मांग है कि जब तक सही आरोपी नहीं पकड़ा जाएगा और इगलास कोतवाल को निलंबित नहीं किया जाएगा, तब तक वह बच्ची का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। मौके पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है, लेकिन परिवार का आरोप है कि पुलिस ने सही आरोपी को नहीं पकड़ा है।

हाथरस में ही दलित लड़की के साथ हुआ कथित गैंगरेप

हाथरस की ही दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप के मामले को लेकर पूरे देश में गुस्से और गम का माहौल है। चंदपा थानाक्षेत्र के एक गांव की रहने वाली दलित लड़की के साथ चार लोगों ने कथित गैंगरेप किया था और उसपर जानलेवा हमला किया था। कई दिनों तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद दलित लड़की की सफदरगंज में मौत हो गई थी।

इसके बाद पुलिस ने बिना परिवारवालों की मर्जी के लड़की का रात में अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस की इस हरकत के बाद मामला इतना तूल पकड़ा कि कांग्रेस सड़क पर उतर आई और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा से लेकर सभी नेता हाथरस कूच करने लगे। भारी फजीहत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने दलित लड़की के गांव में मीडिया से लेकर नेताओं की एंट्री बैन कर दी।

साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी। हालांकि, परिवार वाले लगातार जिला प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप लगाते रहे। गांव में मीडिया से लेकर नेताओं की नो-एंट्री पर कई दिनों तक बवाल चला और आखिर में बैकफुट पर आई यूपी पुलिस ने गांव के रास्ते को खोल दिया। इसके बाद परिवारवालों ने जिला प्रशासन की करतूत को बताया।

मामले में बढ़ते सियासी दबाव के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया कि हाथरस कांड के बहाने उत्तर प्रदेश में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रची जा रही थी। इसके पीछे पीएफआई का नाम लिया जा रहा है। यूपी सरकार ने अपने दावे के बाद मथुरा से चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

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