दुनिया / क्या अमेरिकी वैज्ञानिकों ने मानव जीवनकाल बढ़ाने का ढूंढ लिया तरीका?

AMAR UJALA : Jul 12, 2020, 05:47 PM
USA: क्या अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मनुष्य के जीवनकाल को बढ़ाने का रास्ता खोज लिया है? दस जुलाई को यूएससी डोर्नसिफ कॉलेज की एक टीम की ओर से जेरन्टालजी जर्नल में एक शोध छपा है। शोध में कहा गया है कि माइफप्रिस्टोन ड्रग दो अलग तरह की प्रजातियों के जीवनकाल को बढ़ा सकती है।

माइफप्रिस्टोन के क्लिनिकल इस्तेमाल को RU-486 के नाम से जाना जाता है। इसका इस्तेमाल शुरुआती गर्भ को खत्म करने और कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है। यूएससी डोर्नसिफ कॉलेज ऑफ लेटर्स, आर्ट एंड साइंस के जीव विज्ञान के प्रोफेसर जॉन टावर और उनकी टीम ने पाया कि माइफप्रिस्टोन मादा फल मक्खी ड्रोसोफिला के जीवन का विस्तार करता है। 

माइफप्रिस्टोन देने से मादा मक्खी में जलन कम हुई और वो पहले से ज्यादा स्वस्थ रही। शोध में पाया गया कि जिन मादा मक्खी को माइफप्रिस्टोन दिया गया उनकी जीवनकाल बढ़ा है।

ड्रोसोफिला को दिए गए ड्रग का असल ठीक वैसा है जैसा उन महिलाओं में था, जिन्हें ये दवा दी गई। टावर ने कहा कि मक्खी में माइफप्रिस्टोन ने प्रजनन की क्षमता कम कर दी, जन्मजात प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बदल दी और जीवनकाल बढ़ा दिया। 

डॉक्टरों की टीम ने मादा मक्खी को दवा देने के बाद उसके जीन, अणु और मेटोबोलिक प्रक्रिया में बदलाव को देखा ताकि ये समझने में आसानी हो जाए कि माइफप्रिस्टोन की मदद से जीवनकाल बढ़ाने में कैसे आसानी हो रही है?

टीम ने पाया कि एक अणु जिसका नाम जुवेनाइल हॉर्मोन है, इसकी मदद से फल मक्खी के विकास को नियंत्रित किया गया। 

यही नहीं टावर और उनकी टीम ने कैनोरहैबडायटिस एलिगेंस पर भी माइफप्रिस्टोन का इस्तेमाल किया और उसमें भी यही असर देखने को मिला। टावर ने कहा कि दोनों प्रजातियों में माइफप्रिस्टोन का एक समान असर देखा गया है, जिसका मतलब है कि दूसरी प्रजातियों पर भी इसका यही असर पड़ेगा।


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