देश / लॉकडाउन पर भारी आस्था, पेड़ में दिखे त्रिशूल-डमरू तो जुट गई भीड़

झारखंड के रामगढ़ में लॉकडाउन के दौरान एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है। सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष अपनी जान की बगैर परवाह करते हुए और इस लॉकडाउन को दरकिनार कर पूजा-पाठ करने में जुट गए। इस भीड़ को हटाने में पुलिस को पसीने आ गए। दरअसल, रामगढ़ जिले के कुजू क्षेत्र में सोमवार शाम एक मुनगा (सहजन) पेड़ के तने में त्रिशूल और डमरू का चित्र देखा गया। इसके बाद यह खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई।

AajTak : Apr 07, 2020, 02:47 PM
झारखंड के रामगढ़ में लॉकडाउन के दौरान एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है। सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष अपनी जान की बगैर परवाह करते हुए और इस लॉकडाउन को दरकिनार कर पूजा-पाठ करने में जुट गए। इस भीड़ को हटाने में पुलिस को पसीने आ गए।

दरअसल, रामगढ़ जिले के कुजू क्षेत्र में सोमवार शाम एक  मुनगा (सहजन) पेड़ के तने में त्रिशूल और डमरू का चित्र देखा गया। इसके बाद यह खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। फिर क्या देखते ही देखते इस जगह पर दूर-दूर से ग्रामीणों की भीड़ जुटने लगी।

यहां लोगों की इस आस्था ने लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना व मास्क लगाना सब कुछ भुला दिया। ग्रामीण वहां पूजा की सामग्री लेकर पहुंचने लगे। यही नहीं, वहां ग्रामीण पूजा-पाठ भी करने लगे। इन सबके बीच वहां एक महिला भक्त झूमने लगी और अपनी धूनी रमाने लगी। कुछ ही लोग मास्क में नजर आए।

एक ग्रामीण महिला सावित्री देवी ने कहा कि पेड़ में त्रिशूल और डमरू है। यहां आज कुजू इलाके में शंकर जी विराज गए हैं। हम यहां रात में दिए जला रहे हैं।

वहीं, कुजू पुलिस के सब इंस्पेक्टर सामन्त दास विवश होते हुए बोले कि यहां लोगों की भीड़ लग गई है। ऐसा प्रतीत होता है मुनगा के जिस पेड़ में त्रिशूल की आकृति बनी हुई है, वहां महिलाएं एकजुट होकर पूजा-पाठ कर रही हैं। उन्हें हटाने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ देर के बाद यह भीड़ फिर से जुट जाती है।

ऐसे में सवाल उठता है कि इस वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर एक ओर पूरा देश जहां लॉकडाउन को सफल बना रहा है ताकि इस महामारी से जल्द लोगों को निजात मिले। इसके लिए सरकार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दे रही है। वहीं इस तरह की भीड़ से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

सरकार ने 25 मार्च से पूरे देश मे लॉकडाउन कर रखा है फिर भी ग्रामीणों की इस कदर भीड़ जुटने में प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही नजर आती है। वहीं, ग्रामीणों की मानें तो इस  संकट की घड़ी में भगवान भोलेनाथ स्वयं प्रकट हुए हैं।