NDTV : Aug 23, 2020, 01:09 PM
भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Rain) के कई जिलों में बादल जमकर बरस रहे हैं, खासकर राजधानी भोपाल और देश से सबसे साफ शहर इंदौर को बारिश ने पिछले 24 घंटों में तर-बतर कर दिया है। भोपाल में 24 घंटे में 8।5 इंच बारिश हुई, जो 14 साल बाद अगस्त में एक दिन में हुई बारिश का रिकॉर्ड है। वहीं इंदौर में 100 साल में पहली बार एक दिन में 12.5 इंच पानी बरसा। इस मानसून में पहली बार सभी 52 जिलों में बारिश हुई है। भोपाल में बड़ा तालाब के कैचमेंट एरिया में जमकर बारिश होने की वजह से तालाब लगभग फुल टैंक लेवल तक पहुंच गया, जिसकी वजह से भदभदा डैम के 11 में से 10 गेट खोलने पड़ेभदभदा के गेट खुलने के बाद कलियासोत डैम भी लबालब हो गया, उसके गेट भी खोलने पड़े। डैम का गेट खोलने की वजह से शहर के निचले इलाकों में कई फीट तक पानी भर गया। यहां से सुरक्षित स्थान तक जाने में लोगों को काफी तकलीफें उठानी पड़ीं। कलियासोत डैम के गेट खुलने से कलियासोत नदी का जलस्तर बढ़ गया। इससे कोलार सर्वधर्म दामखेड़ा नदी के किनारे बनीं 60 झुग्गियां पानी में डूब गईं। पानी का बहाब इतना तेज था कि करीब 15 झुग्गियां बह गईं। गनीमत ये रही है कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। भारी बारिश से देश का सबसे साफ शहर इंदौर भी डूब गया। इंदौर की लाइफलाइन कहलाने वाला यशवंत सागर बांध भी रातभर में लबालब हो गया और इसके सभी गेट खोलकर अतिरिक्त पानी निकाला जा रहा है।
इंदौर में खान नदी में जलस्तर बढ़ने से करीब 300 लोगों को नाव के जरिए रेस्क्यू किया गया। शहर में अलग-अलग घटनाओं में 3 लोगों की मौत हो गई। देवास जिले के अरनिया गांव में लोदरी नदी उफान पर है। नदी में आई बाढ़ में 30 से ज्यादा गाय बह गईं। उधर, जिले के सोनकच्छ में कालीसिंध नदी के किनारे के मंदिर डूब गए हैं। नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। उज्जैन में शिप्रा नदी भी उफान पर है। राम घाट पर सभी मंदिर डूब गए हैं। शिप्रा के किनारे बसे लोगों को प्रशासन सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रहा है। शाजापुर-जिले में कल भी शाम से बारिश का दौर जारी है। नदी नाले उफान पर हैं। कालापीपल क्षेत्र के खोखराकला गांव में निचली बस्तियों तक पानी पहुंच गया। तिलावाद गोविंद में मंदिर में पूजा करने गई महिलाए पानी में फंस गई, जिन्हें ग्रामीणों ने रस्सी के सहारे रेस्क्यू कर निकाला।आगर मालवा जिले में डैम फूटने के कारण बड़ोदिया निपानिया मार्ग आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। यहां भी कुंडलिया डैम के 11 में 10 गेट खोल दिए गए हैं। इलाके के लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। जबलपुर में बरगी बांध के 11 गेट खोले जाने और निचले जिलों में निरंतर बारिश होने से नर्मदा के तटों पर स्थित गांव ग्वारीघाट जलमग्न हो गया है। गुना में पार्वती नदी के जलस्तर के अचानक बढ़ने से तेज बहाव के बीच मंदिर के पुजारी सहित दो लोग फंस गए। छिंदवाड़ा जिले के मोहखेड़ में बैरियल नदी उफान पर होने की वजह से आवागमन प्रभावित हो गया है। धनोरा में एक बुजुर्ग व्यक्ति की नदी के बहाव में बहने से मौत हो गई है। जिले के ग्रामीण अंचलों में लगातार बारिश की वजह से माचागोरा डैम के 8 गेट में से आज दो गेट और खोले गए हैं।जिला प्रशासन ने पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए माचागोरा डेम के कुल चार गेट खोलकर स्थिति को नियंत्रित करने में लगा है। रतलाम में लालगुवाड़ी में नदी के तेज बहाव में एक मारुति वैन बह गई, हालांकि उसमें सवार दो व्यक्तियों को ग्रामीणों के सहयोग से सुरक्षित निकाल लिया गया है। बैतूल में जहां एक तरफ लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है, वहीं घटिया निर्माण कार्यों की भी पोल खुल रही है। इसका एक बड़ा सबूत घोड़ाडोंगरी ब्लॉक में सामने आया, जहां एक के बाद एक पांच डैम फूट गए जो इसी साल बनकर तैयार हुए थे या हो रहे थे। डैम फूटने से रिहायशी इलाके हुए और फसलें तबाह हो गईं। वहीं सरकार को भी बड़ी चपत लगी है। सबसे बड़ी बात ये है कि इनमें से दो डैम उस कान्हाबाड़ी गांव के हैं, जिसे बैतूल सांसद दुर्गादास उइके ने गोद लिया है।पांचों डैम पर सरकार का लगभग एक करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हुआ है। ग्रामीणों की समस्या सुलझाने भैसदेही के विधायक ने उफनती नदी में अपनी जान तो जोखिम में डाली, साथ ही पुल निर्माण के लिए सरकारी कर्मचारियों को भी मुसीबत में डाल दिया। विधायक और सरकारी कर्मचारियों के इस तरह से उफनती नदी को पार करने के वीडियो अब वायरल हो रहे हैं। सीहोर में हो रही तेज बारिश के चलते नदी नाले उफान पर आ गए। बारिश के चलते सीवन नदी भी अपने उफान पर आ गई, जिसके चलते कर्बला पुल, चद्दरपुल, के ऊपर पानी आ गया। दर्जनों ग्रामों का सड़क संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। श्यामपुर के हिंगोनी ग्राम में पेड़ पर फंसे व्यक्ति को जिला प्रशासन द्वारा रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।मंदसौर में गांधी सागर बांध का जलस्तर 1299।04 फीट पहुंच गया है। मौसम विभाग ने एक साथ 21 जिलों के लिए रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। खरगोन, अलीराजपुर, झाबुआ और धार जैसे जिलों में भारी वर्षा के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर हालातों की समीक्षा की। अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया कि राज्य नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे काम करता रहे। जल-भराव वाले क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा।ए। उनके भोजन और आश्रय की उचित व्यवस्था की जाए। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण कंट्रोल रूम भी अलर्ट मोड में है। नर्मदा के जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण नर्मदा उफान पर है। बरगी बांध के 11 गेटों से नर्मदा में 1076 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। होशंगाबाद में तवा बांध के 5 गेट खोले गए हैं।Heavy rains lashed several districts of MP including Bhopal and cleanest city in the country Indore, For the first time this season, 10 sluice gates of Bhadbhada dam and all 13 sluice gates of its downstream Kaliasot dam were opened, in Bhopal. pic.twitter.com/OYPWKqbgpU
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) August 23, 2020