जयपुर / अच्छी खबर, निजी स्कूलों ने तय फीस से ज्यादा वसूली की तो होगी कार्रवाई

Dainik Bhaskar : Aug 17, 2019, 01:21 PM
जयपुर. प्रदेश के लाखों अभिभावकों के लिए अच्छी खबर है। हाईकोर्ट ने राजस्थान विद्यालय फीस का विनियमन एक्ट-2016 के प्रावधानों को सही ठहराया है। अब इस एक्ट का पालन नहीं करने वाले निजी स्कूलों पर सरकार कार्रवाई कर सकेगी।

पिछले साल निजी स्कूल संचालकों ने इस एक्ट की कानूनी वैधता को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद कोर्ट ने करीब सवा साल पहले एक्ट के प्रावधानों के आधार पर निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने पर रोक लगा रखी थी। अब हाईकोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों की याचिका को खारिज कर दिया। इससे प्रदेश के 35 हजार निजी स्कूलों के लिए एक्ट का पालन करना जरूरी हो गया है। फीस एक्ट के उल्लंघन की शिकायत मिलने पर निजी स्कूल के खिलाफ शिकंजा कसा जा सकेगा।

खुशी से झूमे अभिभावक

विद्याधर नगर में पेरेंट्स वेलफेयर सोसायटी ने हाईकोर्ट के निर्णय के बाद खुशियां मनाईं। एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। सोसायटी की सचिव स्नेहलता साबू का कहना है कि आखिर अभिभावकों की जीत हुई।

फीस एक्ट के बारे में वो सब जो आपके लिए जानना जरूरी

क्या होगा...कमेटी तय करेगी फीस, एकबार तय फीस 3 साल नहीं बढ़ेगी: फीस तय करने का हक स्कूल स्तरीय फीस कमेटी को है। दस सदस्यीय समिति में प्रिंसिपल सचिव, अध्यक्ष व तीन शिक्षक स्कूल प्रबंधन द्वारा नामित होते हैं। सदस्यों में 5 अभिभावक लॉटरी से चुने जाते हैं। 30 दिन में निर्णय करते हैं। एक बार तय फीस 3 साल नहीं बढ़ाई जाती।

दंड क्या?...प्राइवेट स्कूलों ने ज्यादा फीस ली तो 2.50 लाख तक जुर्माना: कमेटी की तय फीस नहीं मानने वाले निजी स्कूलों पर 50 हजार से 2.50 लाख रु. तक जुर्माना लगाया जा सकता है। फिर भी न मानें तो कम से कम एक लाख रु. या स्कूल प्रबंधन द्वारा वसूली गई राशि के दोगुने जुर्माने में से जो भी अधिक हो, वह वसूलने का प्रावधान किया गया है।

आगे क्या...अभिभावक शिकायत करेंगे, जांच होगी, कार्रवाई करेंगे: जरूरी है पैरेंट्स जागरूक हों। कहीं उल्लंघन दिखे तो सरकार से शिकायत करें। जांच के बाद सरकार कार्रवाई कर सकेगी। इस साल भी सत्र प्रारंभ होने पर कई निजी स्कूलों ने फीस बढ़ा दी थी। अभिभावकों ने आंदोलन किया, पर एक्ट के तहत कार्रवाई पर रोक से राहत नहीं मिली।

हमने न्यायालय में सरकार का पक्ष मजबूती से रखा। इसके परिणामस्वरूप यह जीत मिली है।- गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्यमंत्री

कानूनी राय लेंगे। फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। - दामोदर प्रसाद गोयल, अध्यक्ष, सोसायटी फॉर अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान

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