News18 : Apr 08, 2020, 12:55 PM
जयपुर। कोरोना वायरस (Corona virus) और हमारे बीच ढ़ाल बने कोरोना वॉरियर्स (Corona warriors) को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने मंगलवार को एक अहम आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहांती की खण्डपीठ ने अधिवक्ता शालिनी शैरॉन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वे तुरंत प्रभाव से कोरोना वॉरियर्स को प्रभावी सुरक्षा प्रदान करें। जिससे इनके खिलाफ कोई अप्रिय घटना नहीं घट सके। साथ ही कोर्ट ने कहा कि सरकार कोरोना वॉरियर्स के लिए एक डेडिकेटेड हेल्पलाइन नम्बर भी जारी करे, जिससे अगर उन्हें तुरंत कोई मदद चाहिए हो तो वे उस नम्बर पर कॉल करके सहायता मांग सके।
वॉरियर्स से हुई थी बदसलूकी
कोरोना वायरस से सीधी टक्कर ले रहे वॉरियर्स पर कई शहरों में हमले हुए हैं। राजधानी जयपुर में भी कोरोना संक्रमण की जांच करने गई टीम के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया था। हालांकि, पुलिस ने मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया था। लेकिन इस तरह की घटनाएं आगे नहीं हो, इसे लेकर अधिवक्ता शालिनी शैरॉन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना से सीधे तौर पर लड़ रहे डॉक्टर्स, नर्सिंग, पैरामेडकिल स्टॉफ, सफाईकर्मी, पुलिस, आशा सहयोगिनी व अन्य वॉरियर्स की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। वहीं, उन्हें ड्यूटी के दौरान हर तरह का प्रोटेक्शन दिया जाए। जिसमें लीगल प्रोटेक्शन भी शामिल हो, जिससे अगर ड्यूटी के दौरान अगर कोई उन पर किसी तरह का आरोप लगाता है तो उस पर तुरंत कार्रवाई न की जाए, क्योंकि ऐसा द्वेषतापूर्वक भी किया जा सकता है।सप्ताहभर में देनी होगी स्टेटस रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सरकार से 7 दिन में स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। जिसमें सरकार को यह बताना होगा कि कोर्ट के आदेश के बाद उसने क्या कदम उठाए। वहीं कोर्ट ने पूरे मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रेल को तय की है।
वॉरियर्स से हुई थी बदसलूकी
कोरोना वायरस से सीधी टक्कर ले रहे वॉरियर्स पर कई शहरों में हमले हुए हैं। राजधानी जयपुर में भी कोरोना संक्रमण की जांच करने गई टीम के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया था। हालांकि, पुलिस ने मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया था। लेकिन इस तरह की घटनाएं आगे नहीं हो, इसे लेकर अधिवक्ता शालिनी शैरॉन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना से सीधे तौर पर लड़ रहे डॉक्टर्स, नर्सिंग, पैरामेडकिल स्टॉफ, सफाईकर्मी, पुलिस, आशा सहयोगिनी व अन्य वॉरियर्स की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। वहीं, उन्हें ड्यूटी के दौरान हर तरह का प्रोटेक्शन दिया जाए। जिसमें लीगल प्रोटेक्शन भी शामिल हो, जिससे अगर ड्यूटी के दौरान अगर कोई उन पर किसी तरह का आरोप लगाता है तो उस पर तुरंत कार्रवाई न की जाए, क्योंकि ऐसा द्वेषतापूर्वक भी किया जा सकता है।सप्ताहभर में देनी होगी स्टेटस रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सरकार से 7 दिन में स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। जिसमें सरकार को यह बताना होगा कि कोर्ट के आदेश के बाद उसने क्या कदम उठाए। वहीं कोर्ट ने पूरे मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रेल को तय की है।