केरल / हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, मां-बाप से अलग होने का बनाया दबाव तो पति दे सकता तलाक

News18 : Jun 01, 2020, 09:27 AM
नई दिल्ली।  तलाक (Divorce ) को लेकर केरल हाईकोर्ट ( Kerala High Court) ने एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर कोई पत्नी अपने पति से कहे कि वो अपने बूढ़े मां-बाप से अलग रहे तो फिर तलाक लेने का आधार बन सकता है। जस्टिस एएम शफीक़ और मैरी जोसेफ की एक बेंच ने कहा कि किसी शख्स के लिए एक तरफ अपने मां-बाप और दूसरी तरफ पत्नी -बच्चे में से किसी एक को चुनना 'अत्याचारी' और 'असहनीय' है। ऐसे में कानून के तहत तलाक दी जा सकती है।

पति ने क्या कहा याचिका में

हाईकोर्ट में एक शख्स ने तलाक को लेकर याचिका दायर की थी। उनकी दलील थी कि वो अपनी पत्नी से इसलिए तलाक लेना चाहते हैं, क्योंकि वो उनकी मां से घृणा करती है। साथ ही वो चाहती है कि मेरी मां हमारे साथ न रहे। इसके अलावा कोर्ट में उसने ये भी कहा कि उसकी पत्नी बार-बार आत्महत्या की धमकी देती है और कहती है कि इसके लिए उसकी मां और वो जिम्मेदार होगा।


कोर्ट में पत्नी की दलील

दूसरी तरफ पत्नी की दलील थी कि वो मां के बहकावे में उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है। साथ ही उन्होंने कहा कि उसका पति शराबी बन गया है और वो हमेशा उनसे और बेटी के साथ बदतमीजी करता है। महिला ने अपने बयान में ये भी कहा कि वो अपने पति के साथ रहने को तैयार है बशर्ते की उसकी सास वहां से चली जाए। उन्होंने कहा की सारी समस्याओं की जड़ उसकी सास है। उन्होंने ये भी आरोप लगाया की एक ऑपरेशन के बाद उसकी सास उनसे लगातार घरेलू काम करवाती रही।

हाईकोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसा कोई आधार नहीं बनता है जिससे उनकी सास को अलग रहने के लिए कहा जाए। ऐसे में तलाक लेने का आधर बनता है। साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अगर कोई महिला बिना किसी पर्याप्त कारणों के लिए अपने बूढ़े और बूढ़े माता-पिता को छोड़ने के लिए अपने पति को पीड़ा देती है, तो यह क्रूरता होगी।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER