कोरोना / डेल्टा प्लस वेरिएंट पर कितना असर कर रही हैं वैक्सीन्स? एक्सपर्ट ने दी यह सलाह

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus In India) की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बीच अब डेल्टा प्लस (Delta Plus variant) के मामले तेजी से पाए जा रहे हैं। डेल्टा प्लस वेरिएंट ने भारत को एक बार फिर हाई अलर्ट कर दिया है। भारत में पहली बार पाए गए डेल्टा वेरिएंट का म्यूटेंट डेल्टा प्लस अधिक संक्रामक बताया जा रहा है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट के बाद अब आशंका है

Vikrant Shekhawat : Jun 25, 2021, 11:07 AM
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (Coronavirus In India) की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बीच अब डेल्टा प्लस (Delta Plus variant) के मामले तेजी से पाए जा रहे हैं। डेल्टा प्लस वेरिएंट ने भारत को एक बार फिर हाई अलर्ट कर दिया है। भारत में पहली बार पाए गए डेल्टा वेरिएंट का म्यूटेंट डेल्टा प्लस अधिक संक्रामक बताया जा रहा है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट के बाद अब आशंका है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के चलते तीसरी लहर आ सकती है। डेल्टा प्लस वेरिएंट दुनिया के 11 देशों में पाया जा चुका है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Mohfw) ने भी बताया कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट के लगभग 40 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही अब इसे वीओसी यानी वेरिएंट ऑफ कंसर्न करार दिया दया है। मंत्रालय ने बताया कि डेल्टा के अलावा डेल्टा प्लस समेत डेल्टा के सभी उप-वंशों को वीओसी की श्रेणी में रखा गया है। मंत्रालय के अनुसार ‘भारत में अब तक 45,000 से अधिक नमूनों के जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद डेल्टा प्लस वेरिएंट - AY।1 - के करीब 40 मामले महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं सामने आए हैं और इसकी मौजूदगी में कोई खास वृद्धि नहीं देखी गई है।’

डेल्टा प्लस (B।1।617।2।1/(AY।1), SARS-CoV-2 कोरोनावायरस का नया वेरिएंट है जो वायरस के डेल्टा स्ट्रेन (B।1।617।2 वेरिएंट) में म्यूटेशन के कारण बना। यह तकनीकी रूप से नया म्यूटेशन है, यह कितना गंभीर है और एंटीबॉडी पर इसका क्या असर पड़ेगा,  इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है। कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल से डेल्टा प्लस का असर कम किया जा सकता है हालांकि इस संदर्भ में अभी और शोध की जरूरत है

इसके अलावा डेल्टा प्लस म्यूटेंट में K417N म्यूटेशन भी पाया गया है, जो दक्षिण अफ्रीका के बीटा वेरिएंट में पाया जाता है।  कुछ वैज्ञानिकों ने इस बात की आशंका जताई है कि पहले से डेल्टा वेरिएंट के लक्षण के साथ मौजूद डेल्टा प्लस वेरिएंट में अगर बीटा के भी लक्षण मिल गए तो यह अधिक संक्रामक हो जाएगा। हालांकि इस विषय पर अभी भी अधिक शोध की जरूरत है।


डेल्टा प्लस पर वैक्सीन का क्या है असर?

अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार सीनियर वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर शाहिद जमील ने डेल्टा प्लस वेरिएंट पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि नया म्यूटेंट वैरिएंट कोविड -19 टीकों को भी चकमा दे सकता है।  प्रोफेसर जमील के मुताबिक ऐसा इसलिए है क्योंकि डेल्टा प्लस वेरिएंट में ना केवल वे सभी लक्षण हैं जो डेल्टा वेरिएंट में थे, बल्कि इसमें बीटा वेरिएंट (K417N म्यूटेशन) के लक्षण भी हैं। हम पहले से ही जानते हैं कि बीटा वेरिएंट, अल्फा या डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कोविड -19 टीकों को अधिक चकमा दे सकता है। वायरोलॉजिस्ट ने तर्क दिया कि यह वेरिएंट फैलने के बाद दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने एस्ट्राजेनेका टीकों की एक खेप वापस कर दी थी। हालांकि केंद्र सरकार ने स्टडीज के हवाले से कहा है कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन डेल्टा प्लस वेरिएंट पर 'प्रभावी' हैं।


केंद्र सरकार ने दिए निर्देश, WHO कर रहा ट्रैक

डेल्टा प्लस कोविड -19 म्यूटेशन के खिलाफ टीकों के असर के बारे में जानने के लिए भारत और विश्व स्तर पर कई स्टडीज चल रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि जिन क्षेत्रों में डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया है वहां 'निगरानी, टेस्टिंग बढ़ाने, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और वैक्सीनेशन पर तेजी से काम करना होगा।' अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के चलते भारत में कोविड संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है।

उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने समाचा एजेंसी रायटर्स को बताया, 'WHO इस वेरिएंट को डेल्टा वेरिएंट के हिस्से के रूप में ट्रैक कर रहा है।' 16 जून तक 11 देशों में नए डेल्टा प्लस संस्करण के लगभग 200 मामले पाए गए थे इसमें ब्रिटेन (36), कनाडा (1), भारत (8), जापान (15), नेपाल (3), पोलैंड ( 9), पुर्तगाल (22), रूस (1), स्विट्ज़रलैंड (18), तुर्की (1), और संयुक्त राज्य अमेरिका (83) शामिल है।