देश / लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूरों की जान गई? सरकार बोली- हमारे पास कोई रिकॉर्ड नहीं

News18 : Sep 14, 2020, 04:00 PM
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र (monsoon session) आज से शुरू हो गया। कोरोना काल के चलते सदन में लिखकर सवाल जवाब किए जा रहे है। लोकसभा (Lok Sabha) में विपक्ष के कई सांसदों ने सरकार से पूछा कि, लॉकडाउन (Lockdown) के चलते देश में कितने प्रवासी मजदूरों  (migrant workers) की जान गई। जिस पर सरकार की ओर से कहा गया कि, उसके पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है जो बता सके कि इस दौरान कितने प्रवासी मजदूरों की मौत हुई।

इसी सवाल के साथ सरकार से प्रवासी मजदूरों के बारे में कई अहम सवाल किए गए। क्या सरकार प्रवासी मजदूरों के आंकड़े को पहचानने में गलती कर गई। क्या सरकार के पास ऐसा आंकड़ा है कि लॉकडाउन के दौरान कितने मजदूरों की मौत हुई है क्योंकि हजारों मजदूरों के मरने की बात सामने आई है। इसके अलावा सवाल पूछा गया कि क्या सरकार ने सभी राशनकार्ड धारकों को मुफ्त में राशन दिया है, अगर हां तो उसकी जानकारी दें। इसके साथ लिखित सवाल में कोरोना संकट के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदमों की जानकारी मांगी गई।

लोकसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लिखित में दिया। जवाब में कहा गया है कि भारत ने एक देश के तौर पर जिसमें केंद्र-राज्य सरकार, लोकल बॉडी भी शामिल है ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। मौत के आंकड़ों को लेकर सरकार का कहना है कि उनके पास ऐसा कोई डेटा नहीं है।

वहीं, राशन के मसले पर मंत्रालय की ओर से राज्यवार आंकड़ा उपलब्ध ना होने की बात कही गई है। लेकिन मंत्रालय ने पूरे देश में 80 करोड़ लोगों को पांच किलो अतिरिक्त चावल या गेहूं, एक किलो दाल नवंबर 2020 तक देने की बात कही। इससे अलग सरकार की ओर से लॉकडाउन के वक्त गरीब कल्याण योजना, आत्मनिर्भर भारत पैकेज, EPF स्कीम जैसे लिए गए फैसलों की जानकारी दी गई है।

आपको बता दें लॉकडाउन लगने के तुरंत बाद लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर आ गए थे और पैदल ही घर जाने लगे थे। इस दौरान कई मजदूरों की एक्सीडेंट, भूख-प्यास और तबीयत खराब होने के कारण मरने की खबर भी आई थी, जिस पर विपक्ष ने सरकार को घेरा था।

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