Live Hindustan : Nov 25, 2019, 01:14 PM
सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने मंगलवार सुबह 10:30 बजे तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है।सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अजित पवार ने कहा कि मैं ही एनसीपी हूं। मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मैंने अजित पवार से मुलाकात की है। उनके पास एनसीपी के 54 विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना की ओर से दलील रख रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसी कौन सी इमरजेंसी थी कि सुबह 5:17 पर राष्ट्रपति शासन हटाया गया और सुबह आठ बजे शपथग्रहण किया गया। राष्ट्रपति शासन सुबह 5:17 पर हटा, इसका मतलब है कि सबकुछ इसके पहले ही हुआ। अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब दोनों ग्रुप फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, तो देरी क्यों होनी चाहिए? क्या एनसीपी का एक भी विधायक यहां कह रहा है कि हम बीजेपी गठबंधन में शामिल होंगे? यह लोकतंत्र पर किया गया धोखा था।सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि महाराष्ट्र में जब कोई दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं था तब राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति शासन लगाया है। केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और फडणवीस के पत्र सौंपे। न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने ये पत्र सौंपने के निर्देश दिए थे।उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के उस अनुरोध पर विचार नहीं कर रहा है कि उन्हें महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए।