देश / 'पेड़ से बांध करते थे पिटाई, कहते थे- कबूल लो इस्लाम', भारत लाए गए अफगान सिख की आपबीती

Jansatta : Jul 26, 2020, 08:44 PM
नई दिल्ली | पाकिस्तान समर्थित तालिबानियों के चंगुल से बचाकर अफगान सिख निदान सिंह सचदेव भारत आ गए हैं। महीने भर पहले उनका अपहरण हो गया। हाल ही में रिहा होने के बाद रविवार दोपहर को वह परिवार और अफगान सिखों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ एक विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे।

उन्होंने इस दौरान हिंदुस्तान की जमकर तारीफ की। कहा, “हिंदुस्तान को मां बोलूं, बाप बोलूं, क्या बोलूं, हिंदुस्तान तो हिंदुस्तान है। हिंदुस्तान में कोई कमी नहीं है। आतंकी मुझे कहते थे कि मुसलमान बनो मैं कहता था “वाहेगुरू जी दा खालसा वाहेगुरू जी दी फतेह मैं अपना धर्म क्यों बदलूं।”

खुद पर हुए जुल्म की आपबीती सुनाते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा- एक गुरुद्वारे से मेरा अपहरण कर लिया गया था, जिसके करीब 20 घंटे बाद मेरे खून से लथपथ था। मैं पेड़ से बंधा हुआ था। वे लोग मुझे मारते-पीटते भी थे और मुस्लिम धर्म कबूल करने के लिए दबाव बनाते थे। मैं

इसके जवाब में उन्हें बार-बार कहता था कि मैं धर्म क्यों बदलूं? वह भी तब, जब मेरा खुद का धर्म है।

बकौल सिंह, “वे मुझे दिन-रात पीटते थे। मैं भारत सरकार का तहे दिल से शुक्रगुजार हूं कि वह हमें हमारी मातृभूमि पर ले आई। मेरे पास अपनी भावनाएं बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं यहां तक काफी संघर्ष के बाद आ पाया हूं। वहां हर जगह भय का माहौल रहता है। गुरुद्वारा ही ऐसी जगह है, जहां हम सुरक्षित महसूस करते थे, पर उसके बाहर कदम रखने पर डर लगता था।”

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, अफगानिस्तान के करीब 11 लोग जो सिख और हिंदू अल्पसंख्यक (वहां) समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, वे आज भारत पहुंचे। निदान सिंह को 18 जुलाई को रिहा कराया गया था और वह भी इन लोगों में से से एक हैं। भारत ने इन्हें वैध वीजा देते हुए इनके देश आने की सुविधा प्रदान की है।

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