अंधविश्वास / युवती पड़ी बीमार तो इलाज के नाम पर खिला दिया सुअर का मल

AajTak : Jul 20, 2020, 10:38 PM
ओडिशा | 21वीं शताब्दी में भी कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें मेडिकल साइंस और डॉक्टर पर नहीं बल्कि अंधविश्वास पर भरोसा है। कुछ ऐसा ही हुआ ओडिशा के मलकानगिरी में, जहां एक बीमार युवती को ठीक करने के लिए एक शख्स ने उसे सुअर का मल खिला दिया। दरअसल आजादी के 70 साल बाद भी भारत के आदिवासी बेल्ट में अंधविश्वास मौजूद है। जानकारी के मुताबिक मलकानगिरी में बीमारी युवती को ठीक करने के लिए काले जादू का सहारा लिया गया। काला जादू करने वाले एक शख्स ने कथित तौर पर युवती को ठीक करने और शरीर से बुरी आत्माओं को निकालने के दावे से पहले उसकी पिटाई कर दी और फिर इलाज के नाम पर सुअर का मल खिला दिया।

कथित तौर पर युवती एक सप्ताह से अधिक समय से बीमार थी। शरीर में बुरी आत्मा के प्रवेश की आशंका होने पर, ग्रामीणों ने स्थानीय स्तर पर मदद मांगी और उसे एक तांत्रिक के पास ले गए। तांत्रिक ने इलाज के नाम पर ना सिर्फ सुअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया बल्कि उसका मल भी खिला दिया।

तांत्रिक ने मंत्रों का जाप करने और युवती के सामने अन्य अनुष्ठान करने के बाद कहा कि उस पर भूतों का साया है जिसका इलाज सुअर के मल से ही किया जा सकता है। इसके अलावा, पीड़िता को इलाज के दौरान अनुष्ठान की प्रक्रिया में पीटा भी गया, जिससे उसके चेहरे पर चोट के निशान नजर आने लगे। घटना रविवार की है, हालांकि पीड़िता की तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिटाई और ज्यादा चोट की वजह से वो गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी।

बता दें कि ओडिशा के आदिवासी इलाकों में आज भी अंधविश्वास का बोलबाला है। ऐसे इलाके में लोग बीमार पड़ने पर अस्पतालों की जगह तांत्रिक और जादू-टोने पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। ऐसे इलाके नक्सल प्रभावित हैं और यहां अच्छी सड़कों और अस्पतालों की बेहद कमी है। ऐसे इलाके के लोगों के लिए बुनियादी चिकित्सा सुविधा तक नहीं है। गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए खाट पर ले जाने की घटना आदिवासी इलाकों में आम बात है।

वहीं इस मामले को लेकर मलकानगिरि जिले के एसपी ऋषिकेश खिलारी ने इंडिया टुडे को बताया कि घटना की जांच चल रही है। हम महिला के संपर्क में हैं। अभी किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। इसके लिए एक टीम बनाई गई है जो आरोपी की तलाश कर रही है।

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