देश / PM का बयान अगर प्रदर्शन करना है तो पाकिस्तान के खिलाफ करें

News18 : Jan 02, 2020, 04:02 PM
बेंगलुरु।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर बेंगलुरु पहुंचे।  उन्होंने तुमकुर स्थित सिद्धगंगा मठ में एक जनसभा को संबोधित किया।  इस दौरान पीएम मोदी ने नागरिकता कानून, अनुच्छेद 370 समेत कई अन्य मुद्दों पर कांग्रेस और विपक्ष को घेरा।  पीएम ने कहा, 'विरासत में जो समस्याएं हमें मिली हैं, उनको तो हल करना ही होगा। '

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उनका बनाया इको सिस्टम आज देश की संसद के खिलाफ खड़ा हो गया है।  उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव होता है।  आज हर देशवासी के मन में सवाल है कि जो लोग पाकिस्तान से अपनी जान बचाने के लिए, अपनी बेटियों की जिंदगी बचाने के लिए यहां आए हैं, उनके खिलाफ तो जुलूस निकाले जा रहे हैं, लेकिन जिस पाकिस्तान ने उन पर ये जुल्म किया, उसके खिलाफ इन लोगों के मुंह पर ताले क्यों लगे हुए हैं। '

संसद के खिलाफ हो रहे हैं आंदोलन

पीएम मोदी ने कहा, 'जो लोग आज भारत की संसद के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि आज जरूरत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की इस हरकत को बेनकाब करने की है।  अगर आपको आंदोलन करना ही है, तो पाकिस्तान के पिछले 70 साल के कारनामों के खिलाफ आवाज उठाइए। ' उन्होंने कहा, 'भारत ने हमेशा संतों को, ऋषियों को, गुरुओं को सही मार्ग के लिए एक प्रकाश स्तंभ के रूप में देखा है।  न्यू इंडिया में भी सिद्धगंगा मठ, आध्यात्म और आस्था से जुड़े देश के हर नेतृत्व की भूमिका अहम है। '

संत समाज से मांगा सहयोग

पीएम मोदी ने कहा, 'आज मैं संत समाज से 3 संकल्पों में सक्रिय सहयोग चाहता हूं।  पहला- अपने कर्तव्यों और दायित्वों को महत्व देने की अपनी पुरातन संस्कृति को हमें फिर मजबूत करना है।  दूसरा, प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा।  तीसरा, जल संरक्षण, जल संचयन के लिए जनजागरण में सहयोग। 'प्रधानमंत्री ने कहा, 'ये मेरा सौभाग्य है कि श्री श्री शिवकुमार जी की स्मृति में बनने वाले म्यूजियम का शिलान्यास करने का अवसर मिला।  ये म्यूजियम, न सिर्फ लोगों को प्रेरणा देगा, बल्कि समाज और देश के स्तर पर हमें दिशा देने का भी काम करेगा। ' उन्होंने कहा, 'भारत ने नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश किया है।  आपको याद होगा कि बीते दशक की शुरुआत किस तरह के माहौल से हुई थी।  लेकिन 21वीं सदी का ये तीसरा दशक उम्मीदों की, आकांक्षाओं की मजबूत नींव के साथ शुरू हुआ है। '

पीएम मोदी ने कहा, 'ये आकांक्षा नए भारत की है, ये आकांक्षा युवा सपनों की है, ये आकांक्षा देश की बहनों-बेटियों की है, ये आकांक्षा देश के गरीब, दलित, वंचित, पीड़ित, पिछड़े, आदिवासियों की है, ये आकांक्षा क्या है? भारत को समृद्ध, सक्षम और सर्वहितकारी विश्वशक्ति के रूप में देखने की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब ये हर भारतीय का मानस बन चुका है कि विरासत में जो समस्याएं हमें मिली हैं, उनको हल करना ही होगा।  समाज से निकलने वाला यही संदेश हमारी सरकार को भी प्रेरित करता है, प्रोत्साहित करता है। 


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