देश / मैं भी किसान हूं, मैं नहीं मानता कि सरकार कभी किसानों को नुकसान पहुंचाएगी : राजनाथ सिंह

NDTV : Sep 21, 2020, 08:41 AM
नई दिल्ली: कृषि से जुड़े विधेयकों (Agriculture Bills) को लेकर जिस तरह से आज राज्य सभा में विपक्ष ने हंगामा किया उसकी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कड़ी निंदा की है. राजनाथ सिंह ने कहा कि आज जो हुआ उससे संसदीय गरिमा को गहरी चोट पहुंची है. उन्होंने कहा कि मैं नहीं मानता कि सरकार कभी किसानों को नुकसान पहुंचाएगी. बता दें कि रविवार को राज्य सभा में विपक्ष के हंगामे के बीच कृषि से जुड़े दो विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गए. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने विधेयक पर वोटिंग के लिए जमकर हंगामा किया था. कृषि विधेयक को लेकर आज केंद्र सरकार के 6 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि कोई एमएसपी खत्म नहीं हो रही है,

उन्होंने कहा कि कृषि बिल को लेकर किसानों को गुमराह किया गया है, जबकि इससे किसानों की आय दुगुनी होगी. एमएसपी को लेकर किसानों के गुस्से पर राजनाथ सिंह ने कहा, "मैं दो टूक शब्दों में तहे दिल से देश के किसान भाइयो को संदेश देना चाहता हूं कि किसी भी सूरत में एमएसपी खत्म नहीं होगी. एपीएमसी भी किसी भी सूरत में खत्म नहीं होगी. मैं किसान भाइयो को आश्वासन देना चाहता हूं. मैं भी किसान हूं."

आज संसदीय गरिमा को गहरी चोट पहुंची 

राजनाथ सिंह ने रविवार को राज्य सभा में विपक्षी सांसदों द्वारा किए गए हंगामे पर कहा कि आज जो हुआ उससे संसदीय गरिमा को गहरी चोट पहुंची है. संसद में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि उप सभापति के आसन पर चढ़ना, रूल बुक फाड़ना गलत है. रक्षा मंत्री ने कहा, ' 09.30 बजे से 01.30 पूरी चर्चा हुई. एक बार को मान लिया जाए कि उनकी बात नहीं सुनी गई, लेकिन क्या स्वस्थ्य संसदीय लोकतंत्र में ये सब कुछ होना चाहिए? माइक तोड़ देना चाहिए. डिप्टी चेयरमैन के आसन पर चढ़ जाना चाहिए?' 

हरसिमरत के इस्तीफे पर बोले राजनाथ

राजनाथ सिंह से जब पूछा गया कि कृषि बिल को लेकर विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार अपने सहयोगियों को ही नहीं समझा पा रही है तो किसानों को क्या समझाएगी. उनके गठबंधन की मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया है क्या सरकार उन्हें समझा पाई? इस पर राजनाथ ने कहा, "समझाने की कोशिश सबको हो रही है, हर व्यक्ति के फैसले लेने के पीछे कुछ राजनीति कारण होते हैं.  उन्होंने क्यों ये फैसला लिया इस मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं."

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