News18 : Aug 19, 2020, 08:23 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार सुबह कैबिनेट और कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) की बैठक होने वाली है। आज होने वाली बैठक में शुगर, एयरपोर्ट और डिफेंस सेक्टर में बड़े फैसले होने के आसार हैं। जिन घरों में चीनी की खपत ज्यादा है उनके लिए खुशखबरी है कि चीनी की कीमत बढ़ने की संभावना थी, वो अब नहीं रहेगी। क्योंकि कैबिनेट बैठक में चीनी की कीमत बढ़ाने यानी एमएसपी बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना काफी कम है। हालांकि ये चीनी कंपनियों के लिए नकारात्मक खबर है।
एक तरफ कैबिनेट एमएसपी बढ़ोतरी के प्रस्ताव को नामंजूर कर दे या फिर विचार ही ना करे। दूसरी तरफ FRP यानी गन्ने की सरकारी खरीद की कीमत बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। यानी गन्ना खरीदने पर गन्ना किसानों को चीनी मिलों की तरफ से ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा। ये 275 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 285 रुपये प्रति क्विंटल किया जा सकता है।Ordnance Factory का कॉरपोरेटाइजेशनडिफेंस सेक्टर में रिफॉर्म पर बड़ा फैसला हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक कल होने वाली CCEA की इस बैठक में डिफेंस सेक्टर में रिफॉर्म पर बड़ा फैसला हो सकता है। कल की बैठक में Ordnance Factory Board के कॉरपोरेटाइजेशन को मंजूरी संभव है। यानी वहां पर नया निवेश लाया जाएगा, नई तकनीक लायी जाएगी और उसको आधुनिक बनाया जाएगा।
6 एयरपोर्ट के निजीकरण पर लग सकती है मुहरइसके अलावा करीब 6 एयरपोर्ट के निजीकरण पर भी मुहर लग सकती है। कैबिनेट जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को पीपीपी मॉडल के तहत लीज पर दिया जा सकता है। अलग-अलग क्षेत्रों में जापान के साथ करार पर भी फैसले के आसार हैं
एक तरफ कैबिनेट एमएसपी बढ़ोतरी के प्रस्ताव को नामंजूर कर दे या फिर विचार ही ना करे। दूसरी तरफ FRP यानी गन्ने की सरकारी खरीद की कीमत बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। यानी गन्ना खरीदने पर गन्ना किसानों को चीनी मिलों की तरफ से ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा। ये 275 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 285 रुपये प्रति क्विंटल किया जा सकता है।Ordnance Factory का कॉरपोरेटाइजेशनडिफेंस सेक्टर में रिफॉर्म पर बड़ा फैसला हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक कल होने वाली CCEA की इस बैठक में डिफेंस सेक्टर में रिफॉर्म पर बड़ा फैसला हो सकता है। कल की बैठक में Ordnance Factory Board के कॉरपोरेटाइजेशन को मंजूरी संभव है। यानी वहां पर नया निवेश लाया जाएगा, नई तकनीक लायी जाएगी और उसको आधुनिक बनाया जाएगा।
6 एयरपोर्ट के निजीकरण पर लग सकती है मुहरइसके अलावा करीब 6 एयरपोर्ट के निजीकरण पर भी मुहर लग सकती है। कैबिनेट जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को पीपीपी मॉडल के तहत लीज पर दिया जा सकता है। अलग-अलग क्षेत्रों में जापान के साथ करार पर भी फैसले के आसार हैं