दुनिया / पिछले 15 साल में दुनिया भर में 8 हजार लोगों की जान ले चुके हैं विमान हादसे

AajTak : Aug 10, 2020, 07:44 AM
Delhi: केरल के कोझिकोड में शुक्रवार को हुए प्लेन क्रैश ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। इसी के साथ एयर ट्रैफिक सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा भी और तेज हो गई है। अगर पिछले कुछ साल के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो हर देश में, हर महाद्वीप में विमान हादसे लगातार हुए हैं और बड़ी संख्या में लोगों की जानें गई हैं।

केरल के कोझिकोड में शुक्रवार को दुबई से कोझिकोड आ रहा एअर इंडिया एक्सप्रेस का विमान लैंडिंग के वक्त फिसल गया और तेज गति में रनवे को पार करते हुए 35 फीट गहरी खाई में गिर गया। पल भर में प्लेन के दो टुकड़े हो गए। हादसे के वक्त विमान में क्रू मेंबर समेत 190 लोग सवार थे। इस हादसे में दोनों पायलटों समेत 18 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।


दुनिया भर में विमान हादसों से नुकसान

अगर एयर ट्रैफिक सिक्योरिटी के आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल दुनियाभर में 4 अरब से ज्यादा पैसेंजर टिकटों की बुकिंग होती है। हालांकि, अभी कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण अधिकांश देशों में विमान सेवाएं निलंबित चल रही हैं लेकिन फिर भी वंदे भारत मिशन जैसे रेस्क्यू अभियानों के कारण कई विमान सेवाएं एक्टिव हैं। Statista के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 15 साल में विमान हादसों ने दुनियाभर में 8 हजार से अधिक लोगों की जान ली हैं।


2006- 905 लोगों की मौत।


2007- 774।


2008- 595।


2009- 763।


2010- 943।


2011- 525।


2012- 477।


2013- 232।


2014- 692।


2015- 186।


2016- 258।


2017- 59।


2018- 561।


2019- 287।

2020 का साल कैसा रहा?

विमानन सुरक्षा के लिहाज से 2020 का साल भी कम जानलेवा नहीं रहा है। कोरोना संकट के बीच केरल हादसे से पहले कराची का हादसा काफी दर्दनाक रहा था। 22 मई को पाकिस्तान के कराची शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में क्रैश होकर गिर गए Airbus A320 के हादसे में 90 लोगों की जान चली गई थी। इस हादसे में चमत्कारिक रूप से 2 यात्री जिंदा मिले थे।

इससे पहले 8 जनवरी 2020 को ईरान की राजधानी तेहरान में यूक्रेनियन एयरलाइंस का विमान हादसे का शिकार हो गया था। जिसमें सभी 176 यात्रियों की जान चली गई थी।


कब हुआ था दुनिया का पहला विमान हादसा?

एयर ट्रैफिक के इतिहास पर नजर डालें तो 15 जून 1785 को फ्रांस के विमरेक्स के पास रॉजियरे एयर बैलून का हादसा पहली बार जानलेवा साबित हुआ था। इस हादसे में रॉजियरे एयर बैलून के आविष्कारक जीन फ्रैकुआ पिलैत्रे डी रॉजियरे की मौत हो गई थी। जबकि पावर्ड एयरक्राफ्ट का पहला हादसा 17 सितंबर 1908 को हुआ था जब अमेरिका के वर्जिनिया में मॉडल-ए एयरक्राफ्ट क्रैश कर गया था। इसमें इस विमान के सह-आविष्कारक और पायलट घायल हो गए थे जबकि सहयात्री की मौत हो गई थी।


इस विमान हादसे में गई थी सबसे ज्यादा जान

दुनिया में सबसे ज्यादा नुकसान वाला विमान हादसा हुआ था 12 नवंबर 1996 को। जब दो विमान हवा में टकरा गए थे। सऊदी अरब की फ्लाइट संख्या-763 और कजाकिस्तान एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या-1907 भारत में हरियाणा के चरखी दादरी में हवा में टकरा गई थी। इस हादसे में दोनों विमानों में सवार 349 लोगों की मौत हो गई थी। जांच कमेटी ने इस हादसे का कारण बताया कजाख एयरलाइंस के पायलट के तय ऊंचाई से नीचे विमान उड़ाने को। इसके बाद दुनिया में एयर ट्रैफिक सुरक्षा और आसमान में विमानों की उड़ान को लेकर कई नियम तय किए गए।


केरल एयरपोर्ट को लेकर मिली थी चेतावनी

शुक्रवार को हुए हादसे के बाद केरल एयरपोर्ट के रनवे को लेकर सवाल उठ रहे हैं। केरल एयरपोर्ट का रनवे एक टेबलटॉप रनवे है। ऑपरेशन के लिहाज से कोझिकोड का एयरपोर्ट खतरनाक माना जाता है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने 2019 में एयरपोर्ट अथॉरिटी को कालीकट एयरपोर्ट को लेकर नोटिस दिया था।

इसका रनवे थोड़ी ऊंचाई पर है और दोनों तरफ की जमीन गहरी है। रनवे जरूरत के लिहाज से छोटा भी है और खत्म होते ही करीब 30 फुट गहरी घाटी भी है। इसके अलावा रनवे के दोनों ओर की पट्टियां भी संकरी हैं, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने की स्थिति में मुश्किल आती है। इन सारी कमियों के बावजूद अभी तक एयरपोर्ट पर उड़ानें जारी थीं। अब शुक्रवार के हादसे के बाद एयरपोर्ट को लेकर सवाल उठ रहे हैं साथ ही इस बात की जरूरत भी जताई जा रही है कि एयर एजेंसियों को रनवे को लेकर फिर से प्लान तैयार करना होगा।



SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER