News18 : May 09, 2020, 05:26 PM
नई दिल्ली। लॉकडाउन (Lockdown) के बीच कई चीजों की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है। एक तरफ चीजों की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है वहीं, दूसरी तरफ तमिलनाडु (Tamilnadu) के कोयंबटूर में 85 साल की एक महिला 1 रुपये में इडली (Idli) बेच रही हैं। महिला का नाम कमलाथल है। वह पिछले 30 सालों से 1 रुपये में इडली बेच रही हैं।
इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए कमलाथल ने कहा, 'लॉकडाउन शुरू होने के बाद से स्थिति थोड़ी कठिन है, लेकिन मैं 1 रुपये में इडली देने की पूरी कोशिश कर रही हूं।' उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण कई प्रवासी मजदूर यहां पर फंस गए। इसलिए वर्तमान में ज्यादा लोग यहां पर खाने के लिए आ रहे हैं। ऐसे में मैं उन्हें 1 रुपये में इडली दे रही हूं, ताकि वो लोग अपना पेट भर सकें।'सोशल मीडिया पर बटोरीं सुर्खियांकमलाथल की कहानी पिछले साल सामने आई थी। पिछले साल उनकी 1 रुपये में इडली बेचे जाने की कहानी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना था कि किसी की मदद करने के लिए उम्र मोहताज नहीं होती है।कई लोग कर रहे हैं महिला की मददये महिला जरूरतमंदों को 1 रुपये में इडली दे सके इसके लिए कई लोग उनकी मदद के लिए आगे आए हैं। 1 रुपये में इडली के साथ सांभर और चटनी भी परोसी जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक़, गांव वाले लॉकडाउन के चलते अपना ब्रेकफास्ट स्किप कर रहे थे। लिहाज़ा, इडली सुबह 7 से 9 बजे तक बेची जाती है। ताकि सभी मजदूरों को भरपेट खाना मिल सके।
इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए कमलाथल ने कहा, 'लॉकडाउन शुरू होने के बाद से स्थिति थोड़ी कठिन है, लेकिन मैं 1 रुपये में इडली देने की पूरी कोशिश कर रही हूं।' उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण कई प्रवासी मजदूर यहां पर फंस गए। इसलिए वर्तमान में ज्यादा लोग यहां पर खाने के लिए आ रहे हैं। ऐसे में मैं उन्हें 1 रुपये में इडली दे रही हूं, ताकि वो लोग अपना पेट भर सकें।'सोशल मीडिया पर बटोरीं सुर्खियांकमलाथल की कहानी पिछले साल सामने आई थी। पिछले साल उनकी 1 रुपये में इडली बेचे जाने की कहानी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना था कि किसी की मदद करने के लिए उम्र मोहताज नहीं होती है।कई लोग कर रहे हैं महिला की मददये महिला जरूरतमंदों को 1 रुपये में इडली दे सके इसके लिए कई लोग उनकी मदद के लिए आगे आए हैं। 1 रुपये में इडली के साथ सांभर और चटनी भी परोसी जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक़, गांव वाले लॉकडाउन के चलते अपना ब्रेकफास्ट स्किप कर रहे थे। लिहाज़ा, इडली सुबह 7 से 9 बजे तक बेची जाती है। ताकि सभी मजदूरों को भरपेट खाना मिल सके।