Corona Lockdown / इस देश में लॉकडाउन से भड़के लोग, सड़कों पर उतरे किया सरकार का विरोध

Zoom News : Nov 24, 2020, 09:17 PM
Corona Lockdown: जानलेवा महामारी बन चुके कोरोना वायरस ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है और भारत समेत पूरी दुनिया में संक्रमण के मामलों में अचानक बहुत तेजी से इजाफा होने लगा है। लोगों को बचाने के लिए कई देशों ने एक बार फिर लॉकडाउन लगाने का फैसला किया जो वहां की जनता को रास नहीं आ रहा है। लोग सड़कों पर उतर कर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे जिसके बाद कई जगह हिंसा भी हुई।

इंग्लैंड में पुलिस और लोगों के बीच भिड़ंत

लॉकडाउन की वजह से बहुत से लोगों को जहां दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वहीं पाबंदियों की वजह से लोगों को लगता है कि उनकी आजादी छीन ली गई है। संक्रमण बढ़ने की आशंका के बीच दूसरे लॉकडाउन के दौरान ही इंग्लैंड में लोग सड़क पर उतर आए और फैसले का विरोध करने लगे। इस दौरान आजादी के नारों के साथ प्रदर्शनकारियों के झुंड की पुलिस से झड़प हो गई। बता दें कि इंग्लैंड में दूसरे लॉकडाउन को खत्म होने में अभी दो सप्ताह से ज्यादा का समय बाकी है।

जर्मनी में सड़कों पर लोग

जर्मनी में भी लोग सरकार के लॉकडाउन के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। लोगों ने सरकार से इसे खत्म करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया जिसके बाद उनकी सुरक्षाबलों से झड़प भी हो गई। लोगों ने विरोध स्वरूप मास्क उतार फेंका। जर्मनी के विदेश मंत्री Heiko Maas ने प्रदर्शनकारियों पर लॉकडाउन का विरोध करने के लिए उनकी तुलना नाजियों से कर दी।

यूरोप के कई शहरों में लोगों ने लॉकडाउन का किया विरोध

कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स और स्पेन जैसे यूरोपीय देशों ने एक बार फिर देश में लॉकडाउन लगाने का फैसला किया था जो वो वहां के लोगों को स्वीकार नहीं था। यूरोप में लोग लॉकडाउन में प्रतिबंधों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला और षड्यंत्रकारी सिद्धांत के रूप में देख रहे हैं और कह रहे हैं कि वायरस का बहाना एक धोखा है। वहीं व्यवसायी और श्रमिक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

यूरोपीय संघ के देशों में इटली के लिए ये साल सबसे मुश्किल भरा रहा है। वहां लॉकडाउन के फैसले के खिलाफ एक हफ्ते से अधिक समय तक हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए क्योंकि सरकार ने सिनेमाघरों, थिएटरों और रेस्टोरेंट को बंद करने के फैसले के खिलाफ लोग खफा नजर आ रहे थे। जर्मनी, फ्रांस जैसे देशों में भी लॉकडाउन की वजह से सुस्त आर्थिक परिणामों से लोग डर हुए हैं। 

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