Coronavirus / इस देश में 'कोरोना वायरस' का नाम लेना है जुर्म, पुलिस कर लेती है गिरफ्तार

Live Hindustan : Apr 02, 2020, 01:59 PM
तुर्कमेनिस्तान | आज के वक्त में कोविड-19 महामारी ने ऐसा हाहाकार मचा दिया है कि पूरी दुनिया में सिर्फ कोरोना वायरस की ही चर्चा है। डर से ही सही मगर दुनिया के करीब 200 देशों के लोगों के जुबान पर इस खतरनाक कोरोना वायरस का नाम है, मगर एक देश ऐसा भी है जो कोरोना वायरस शब्द न सुनना चाहता है और न ही अपने किसी नागरिकों को बोलने की इजाजत देता है। दरअसल, तुर्कमेनिस्तान की सरकार ने 'कोरोना वयारस' शब्द पर बैन लगा दिया है। इतना ही नहीं, इस देश में मास्क लगाने पर भी बैन लगा दिया गया है। 

तुर्कमेनिस्तान की सरकार ने कथित तौर पर स्थानीय मीडिया या स्वास्थ्य सूचना ब्रोशर में भी  'कोरोना वायरस' शब्द को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इंडिपेंडेंट न्यूज ने तुर्कमेनिस्तान क्रॉनिकल के हवाले से बताया है कि वायरल डिजीज के रोकथाम को लेकर सूचना वाले हेल्थ मिनिस्ट्री के ब्रॉशर में भी कोरोना वायरस का उल्लेख नहीं किया जा रहा है। 

वहीं, पुलिस इस महामारी की चर्चा करने पर भी लोगों को हिरासत में ले रही है। रेडियो अजाटलिक के रिपोर्ट के मुताबिक, सादे कपड़ों में पुलिस के विशेष एजेंट लोगों के बीच में मौजूद हैं, जो छूप-छूपकर उनकी बातें सुनते हैं ताकि कोरोना वायरस को लेकर बात करने वाले की पहचान की जा सके।

कोरोना वायरस को लेकर लाख इनकार के बाद भी तुर्कमेनिस्तान की सरकार वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई उपाय कर रही है। मसलन स्टेशनों पर तापमान की जांच करने की मशीन लगाई जा रही है और भीड़-भाड़ वाले इलाकों की सफाई की जा रही है। इसके अलावा, देश के भीतर नागरिकों की आवाजाही, विशेषकर राजधानी के बाहर के इलाकों से प्रतिबंधित किए जा रहे हैं।

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्ड्रस के के प्रमुख जेने केवेलियर का कहना है कि कोरोना वायरस के उल्लेख पर प्रतिबंध तुर्केमेनिस्तान के लोगों को खतरे में डाल देगा। वहीं, सरकार द्वारा संचालित न्यूज एजेंसी टीडीएच ने कहा कि तुर्केमेनिस्तान के जो भी नागरिक, जिनमें छात्र भी शामिल हैं, उन्हें विशेष विमान से अपने देश लाया जाएगा। इसकी व्यवस्था की जा रही है। 

टीडीएच के मुताबिक, किसी भी देश से महामारी का संक्रमण आयात न हो पाए, इसके लिए सरकार ने कई तरह के गंभीर उपाय किए गए हैं। सीमा और कस्टम प्वाइंट पर इलेक्ट्रो थर्मोमीटर की व्यवस्था कर दी गई है। साथ ही कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।

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