News18 : Sep 03, 2020, 06:53 AM
गुवाहाटी। चीन के साथ बढ़ते विवाद के बीच भारत अब अपनी पूर्वी सीमा (Eastern Border) पर सुरक्षा बलों (Security Forces) की संख्या बढ़ा रहा है। 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख (Ladakh) में कई दशकों की सबसे हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद ही दोनों देशों के बीच तनाव के हालात ज्यादा बढ़ गए। भारत ने सीमाओं की संप्रभुता के लिए कठोर रवैया अख्तियार किया है और चीन को स्पष्ट शब्दों में संदेश दिया है।
सैनिकों की बढ़ाई गई संख्याअरुणाचल प्रदेश में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाए जाने के मद्देनजर यह माना जा रहा है कि चीन के साथ सीमा विवाद अभी लंबा खिंच सकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश के एक अधिकारी ने बताया है कि सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई गई है लेकिन चीन की तरफ से सीमा अतिक्रमण के प्रयास जैसी अभी कोई खबर नहीं है। उन्होंने कहा है कि गलवान घाटी की घटना के बाद से ही भारत की तरफ से एहतियातन सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जाने लगी थी।
अरुणाचल प्रदेश 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध का मुख्य केंद्र थागौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध का मुख्य केंद्र था। एक्सपर्ट्स ने एक बार फिर चेताया है कि यहां पर चीन की तरफ से फिर अतिक्रमण के प्रयास किए जा सकते हैं। हालांकि सैनिकों की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ऐसा रेगुलर एक्सरसाइज के तहत किया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय का चीन को दो टूक जवाबइससे पहले मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि वह सीमा विवाद को लेकर शांति बनाए रखने के दृढ़ है। मंत्रालय की तरफ से साफ कहा गया कि 29/30 अगस्त की रात को लद्दाख के पैंगोंग लेक इलाके में चीनी सेना द्वारा उकसाऊ प्रयास किए गए जिसका भारतीय सैनिकों ने जवाब दिया। भारत ने कहा है कि चीन सीमा समझौतों का उल्लंघन कर रहा है।
सैनिकों की बढ़ाई गई संख्याअरुणाचल प्रदेश में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाए जाने के मद्देनजर यह माना जा रहा है कि चीन के साथ सीमा विवाद अभी लंबा खिंच सकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश के एक अधिकारी ने बताया है कि सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई गई है लेकिन चीन की तरफ से सीमा अतिक्रमण के प्रयास जैसी अभी कोई खबर नहीं है। उन्होंने कहा है कि गलवान घाटी की घटना के बाद से ही भारत की तरफ से एहतियातन सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जाने लगी थी।
अरुणाचल प्रदेश 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध का मुख्य केंद्र थागौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध का मुख्य केंद्र था। एक्सपर्ट्स ने एक बार फिर चेताया है कि यहां पर चीन की तरफ से फिर अतिक्रमण के प्रयास किए जा सकते हैं। हालांकि सैनिकों की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ऐसा रेगुलर एक्सरसाइज के तहत किया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय का चीन को दो टूक जवाबइससे पहले मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि वह सीमा विवाद को लेकर शांति बनाए रखने के दृढ़ है। मंत्रालय की तरफ से साफ कहा गया कि 29/30 अगस्त की रात को लद्दाख के पैंगोंग लेक इलाके में चीनी सेना द्वारा उकसाऊ प्रयास किए गए जिसका भारतीय सैनिकों ने जवाब दिया। भारत ने कहा है कि चीन सीमा समझौतों का उल्लंघन कर रहा है।