नई दिल्ली / भारत का पहला हवा से हवा में मार करने वाला अस्त्र मिसाइल वायु सेना में शामिल होने को तैयार

NavBharat Times : Sep 29, 2019, 07:20 AM
नई दिल्ली | भारत का पहला हवा से हवा में मार करने वाला (बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टु एयर मिसाइल) अस्त्र मिसाइल वायु सेना में शामिल होने के लिए तैयार है। डीआरडीओ को उम्मीद है कि वायु सेना शुरुआत में अपने सुखोई-30एमकेआई जेट के लिए कम से कम 200 मिसाइल का ऑर्डर देगी। इस मिसाइल को विकसित करने में 15 साल लगे हैं।

डीआरडीओ इसकी मारक क्षमता 110 से 160 करने की दिशा में प्रयासरत है। वहीं, डीआरडीओ चीफ डॉ.जी सतीश रेड्डी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'अस्त्र आज के समय में दुनिया के सबसे बेहतरीन BVRAAM मिसाइल में से एक है। हमारे पास योग्यता है कि हम इसकी मारक क्षमता बढ़ा सकते हैं।'

अधिकारियों ने बताया कि उन्नत किस्म के युद्धक मिसाइल तैयार कर भारत अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजरायल की श्रेणी में शामिल हो गया है। यह 3.7 मीटर लंबा और 154 किलोग्राम वजनी है। यह रूस, फ्रांस और इजरायल के BVRAAM से कहीं सस्ता है। जिन्हें वायु सेना के लिए खरीदा जा रहा है।

रूस के सुखोई के बाद अब घरेलू तेजस हल्के युद्धक जेट को भी अस्त्र से लैस किया जाएगा। डीआरडीओ इसको लेकर काफी उत्साहित है जो इसका पांच बार सफल परीक्षण कर चुका है। इसका पिछले सप्ताह ओडिशा के चांदीपुर में तट से दूर परीक्षण किया गया था।

एक अधिकारी ने बताया, 'लक्ष्य को 80 से 86 किलोमीटर की दूरी में पल भर में हिट किया गया। इस प्रोग्राम के लिए विकसित की गई टेक्नॉलजी भविष्य के एयर टु एय़र और सर्फेस टु एय़र मिसाइल के लिए बिल्डिंग ब्लॉक होगा।'

भारत ने भले ही लंबी दूरी का परमाणु मिसाइल जैसे कि अग्नि-5 बनाया है जो कि 5000 किलोमीटर तक मार कर सकता है, लेकिन अब तक BVRAAM बनाने में असफल रहा है। अस्त्र को कई तकनीकी समस्याओं से दो चार होना पड़ा। इसको सबसे पहले 2004 में मंजूरी मिली थी और इसकी शुरुआती लागत 955 करोड़ रुपये थी।

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